जब क्रिटिक्स ने सुनील शेट्टी को नकारा, नहीं आता एक्शन, चेहरे पर शून्यभाव

 
नई दिल्ली 

बतौर एक्शन हीरो अपने करियर की शुरुआत करने वाले हीरो सुनील शेट्टी 'वोकल फॉर लोकल' का समर्थन करते हैं. आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को आगे बढ़ाने के संबंध में आजतक से बात करते हुए सुनील शेट्टी ने कहा कि मेरा मानना है कि हम अच्छे से अच्छा ब्रांड बना सकते है और हमारे अंदर वो काबिलियत है कि हम मल्टीनेशनल ब्रांड्स को टक्कर दे सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि 'हमारे यहां पर कई लोग इम्पोर्टेड ब्रैंड्स में विश्वास करते हैं लेकिन जब मैंने एक लोकल ब्रैंड को परखा तो ये मुझे काफी पसंद आया तभी मैंने फैसला किया था कि इस लोकल ब्रैंड को बड़े स्तर पर 'गो वोकल फॉर लोकल ' सोच के साथ आगे बढ़ाना है और मैंने इसे कम कीमत में अच्छी सेहत बनाने के लिए उपलब्ध करने का एक चैलेंज लिया है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा ये प्रयास सफल होगा और देसी और अच्छे प्रोडक्ट्स कम कीमत में देश के लोगों के लिए उपलब्ध होंगे.'

सुनील शेट्टी ने इसके अलावा अपने करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं कई नए डायरेक्टर्स के साथ काम कर चुका हूं. मेरी कोई फिल्म जब हिट हुई तो मैंने ये नहीं सोचा कि मैं अब दोबारा इसी डायरेक्टर के साथ फिल्म करूंगा. मैं कभी बाकी लोगों की तरह अपनी हिट फिल्म के लिए छत पर चढ़ कर चिल्लाया नहीं कि देखो मेरी फिल्म हिट हो गई है.

उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं, अक्षय कुमार खुद इतना बड़ा उदाहरण है कि बिना इन सब चीजों में उलझे उन्होंने कितना अच्छा अपना फिल्मी करियर तराशा और सफल रहे. हां कई बार क्रिटिक्स ने मुझे लकड़ी का चेहरा कहा और कहा कि मुझे एक्शन नहीं आता, मेरे चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं आते लेकिन मैंने इन बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया और धड़कन जैसी फिल्मों के जरिए अपने काम से उन्हे जवाब दिया.

नेपोटिज्म पर रखी सुनील शेट्टी ने अपनी बात
जब ग्रुप्सिम और नेपोटिज्म की बात चारों ओर हो रही है तो मैं ये कहूंगा कि मेरे हिसाब से इसमें कोई सच्चाई नहीं है. आप मुझे देखिए मेरा भी इस फिल्म इंडस्ट्री में कोई गॉड फादर नहीं था. लेकिन मेरे साथ कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ. मैं सबके साथ काम करता था, नए नए एक्टर्स और डायरेक्टर्स के साथ. शायद इसीलिए मैं फेल भी हुआ, अनुभवहीन प्रोड्यूर्स के साथ काम करने का मेरा फैसला कई बार गलत भी साबित हुआ लेकिन उसमें किसी का कोई हाथ नहीं था. ये सब मेरे फैसले रहे. मैंने उनके साथ काम किया जिनके पास पूरी फिल्म बनाने के पैसे नहीं थे. उनको ये नहीं पता होता था कि फिल्में मार्केट कैसे की जाती हैं, सही तरीके से मेरी फिल्में प्रमोट नहीं हो पाई जिसका मेरे करियर को नुकसान भी हुआ.

कैसे बनाई अन्ना ने अपनी बॉडी
सुनील शेट्टी ने कहा कि मैंने खुद घर का सिंपल खाना खाकर अपनी बॉडी बनाई है. आज भी मैं दोपहर के खाने में मंगलोरियन कढ़ी भिंडी और राइस खाना ज्यादा पसंद करता हूं. अपनी एप के बारे में बात करते हुए सुनील शेट्टी ने कहा कि हमारी एप के जरिये आपको क्या खाना है , कैसे खाना है, कितना खाना ये सारी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी. हमारा मोटिव ये है कि आप कैसे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और स्वस्थ रहे. इसके लिए ये जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ इस तरह के सप्लिमेंट्स या सिर्फ हमारे ब्रैंड के प्रोडक्ट्स ही खाएं. अच्छा खान पान और अनुशासित जीवन आपको स्वस्थ रखने के लिए काफी होता है.

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