विकास के अवसर बराबरी से पाना आदिवासी भाई-बहनों का अधिकार – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उन्होंने बचपन से ही आदिवासी भाई-बहनों की पीड़ा और संघर्ष को देखा है। उनकी स्थिति में सुधार के लिये मन में बचपन से ही तड़प रही है। हमने हमेशा सुनिश्चित किया कि प्रदेश के आदिवासी भाई-बहनों का कभी कोई नुकसान न हो। उनके मान-सम्मान से कोई समझोता न हों। हमारी यह विचारधारा है कि जो समाज में सबसे नीचे है,सबसे गरीब है,वही हमारा भगवान है और उसे आगे लाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह सरकारी व्यवस्था हर गरीब के साथ न्याय करने और जनता की बेहतर सेवा के लिये है। जीवन जीने के सभी संसाधन और विकास के अवसर बराबरी से पाना आदिवासी भाई-बहनों का अधिकार है।राज्य शासन उन्हें यह अधिकार देने के लिये प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री चौहान 'वनाधिकार उत्सव'को संबोधित कर रहे थे।इस अवसर परमुख्यमंत्री चौहान ने वनाधिकार-पत्र वितरित किये तथा वनाधिकार पुस्तिका का विमोचनभी किया। चौहान ने हितग्राहियों से बातचीत भी की।

गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गतजनजातीय संग्रहालय मेंआयोजितइस राज्य स्तरीय कार्यक्रममेंआदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याणमंत्री सुमीना सिंह तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा भी उपस्थित थे।वन मंत्री विजय शाह ने कोरोनासे प्रभावित होने के कारणकार्यक्रम में वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग द्वारा अस्पताल से ही संक्षिप्त सहभागिता की।

112 प्रतिशतबढ़ी ट्रायबल स्कूलों की संख्या

आपसे बात करना जरूरी है – मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री चौहान ने गुना के भूरसिंह से कहा कि आपसे बातचीत करना जरूरी है। इससे मैं आपकी दु:ख-तकलीफ जान सकता हूँ। यह भी पता चलता है कि सरकार जो आप सबके लिए सोच और कर रही है वह बिना घपले, घोटाले के आपके पास पहुंच रहा है या नहीं। चौहान ने भूरसिंह से बच्चों की पढ़ाई, आवास, गैस-चूल्हा, सिंचाई व्यवस्था की जानकारी भी ली।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आदिवासी भाई-बहनों के कल्याण और विकास के लिये राज्य सरकार निरंतर सक्रिय है। सम्पूर्ण प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। हमारी कोशिश है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के हर बालक-बालिका को पढ़ाई के सभी मौके मिलें। प्रदेश में आश्रम, शालाएँ, छात्रावास, एकलव्य विद्यालय, बड़ी संख्या में स्थापित किये गए हैं। आदिम जाति कल्याण का बजट 2003-04 में केवल 635 करोड़ था, जो अब बढ़कर 7,384 करोड़ रूपये हो गया है। पिछले 15 साल में ट्रायबल हाई स्कूलों की संख्या में 112प्रतिशत,उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 81 प्रतिशत, खेल परिसर में 85 प्रतिशत और प्री व पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

राज्य शासन शिक्षा के लिये हरसंभव व्यवस्था कर रहा है। छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को सरल किया गया है। छात्रावासों में व्यवस्थाएँ बेहतर व पारदर्शी हों,इसके लिये छात्रावास प्रबंधन में बच्चे एवं पालकों को भागीदार बनाते हुए सतर्कता बढ़ायी गयी। राज्य शासन जल्द ही सीनियर छात्रावास और महाविद्यालयीन छात्रावास भी आरंभ करेगा। प्रदेश के 50 ट्रायबल आदिवासी हाई स्कूलों का हायर सेकण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया जायेगा। हमारा प्रयास यह है कि अनुसूचित वर्ग के बच्चे भी कम्प्यूटर सीखें। इसके लिये 33 एकलव्य विद्यालयों में 7 करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से आईटी केन्द्र और वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कक्ष बनाये जा रहे हैं। विद्यालयीन भवनों के निर्माण के साथ-साथ 50 करोड़ की लागत से 25 नये छात्रावास भवनों का निर्माण जारी है।

स्कूली शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिये शहर जाने वाले ऐसे विद्यार्थी जिन्हें हॉस्टल नहीं मिल पाता उनकी सहायता के लिये किराया उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी गयी है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्याथी विदेश में शिक्षा प्राप्त कर सकें,इसके लिये प्रदेश के 50 विद्यार्थियों को प्रति वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इस वर्ग के जीवन को बदलने की हर संभव कोशिश जारी है।आदिवासी बेटे-बेटियों की प्रतिभा तराशने और प्रशिक्षण के लिये 24 आवासीय खेल परिसर बनाये गए हैं।

हर पात्र को मिलेगा वनाधिकार-पत्र

गुड मॉर्निंग मामा जी

मुख्यमंत्री चौहान ने अनूपपुर की श्रीमती नोहरवती और उनकी बेटी सीमा से बात की। बेटी सीमा के गुड मार्निंग मामाजी कहकर संबोधित करने पर मुख्यमंत्री चौहान की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटी सीमा ने कहा कि मुझे डॉक्टर बनना है। चौहान ने कहा कि फीस की चिंता मत करना और डॉक्टर जरूर बनना। कोरोना के कारण वैसे भी डॉक्टरों की बहुत जरूरत है। मुख्यमंत्री ने श्रीमती नोहरबाई से पट्टा मिलने और सिंचाई व्यवस्था की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार 23 हजार हितग्राहियों को वनाधिकार पट्‌टों का वितरण करने जा रही है। प्रत्येक आदिवासी भाई-बहन को उसका अधिकार दिलाना हमारी सरकार का कर्तव्य है। प्रदेश में 2006 के पहले से काबिज प्रत्येक आदिवासी को पट्टा दिलाया जाएगा। पुराने कब्जाधारियों को पट्टा दिलाने का अभियान लगातार जारी रहेगा।

स्व-सहायता समूह बनाएं लोकल को वोकल

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खेती के साथ हमें आय उपार्जन के दूसरे तरीकों की तरफ भी ध्यान देना होगा। लघु उद्योग स्थापित करने के लिये राज्य शासन प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कर रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह बड़ी ताकत बनकर उभर रहे हैं। उन्होंने होशंगाबाद जिले के केसला के महिला स्व-सहायता समूह का उल्लेख करते हुए कहा कि मुर्गी पालन और मुर्गी दाना बनाने के व्यवसाय से समूह को तीन करोड़ की आय हुई। अनूपपुर और डिण्डौरी के स्व-सहायता समूहों की मुख्यमंत्री चौहान ने प्रशंसा करते हुए आदिवासी बहनों-माताओं को स्व-सहायता समूह बनाने के लिये प्रेरित किया। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकल को वोकल बनाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। अत: स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से बनने वाली चीजों के आधार पर व्यवसाय आरंभ करने के लिये पहल करना चाहिए। इसमें आदिम जाति कल्याण विभाग भी सहयोग देगा।राज्य सरकार ने ग्रामीण पथ विक्रेताओं के लिये भी कार्यक्रम प्रारंभ किया है, जिसमें छोटे स्तर पर व्यवसाय आरंभ करने वाले व्यक्तियों को 10 हजार रूपये की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

15 अगस्त तक के नियम विरूद्ध ऋण माफ

कलेक्टर साहब सागरिया के खेत के लिए तालाब बनवाएं

धार के सागरिया भाई मुख्यमंत्री चौहान से बातचीत के लिए ठेठ आदिवासी परिधान में आए। मुख्यमंत्री चौहान ने फसल, वनाधिकार पट्टे और सिंचाई सुविधा के बारे में जानकारी ली। सागरिया ने सिंचाई व्यवस्था की जरूरत बताई। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर को गाँव में तालाब बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने आदिवासी भाई-बहनों को साहूकारों के चंगुल से सतर्क रहने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून बनाकर साहूकारों द्वारा दिये गए ऋण पर ब्याज की दर निर्धारित कर दी गई है। अब कोई भी साहूकार निर्धारित दर से अधिक ब्याज नहीं ले सकेगा। उन्होंने कहा कि नियम विरूद्ध तरीके से 15 अगस्त 2020 तक दिये गये ऋण आदिवासी भाई-बहनों को नहीं चुकाने होंगे। वह सारा कर्जा माफ कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रहने की बेहतर व्यवस्था के‍लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। अगले तीन साल में सभी को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हर घर में नल से जल उपलब्ध हो। जिन आदिवासी ग्रामीण अंचलों में फ्लोराइडयुक्त जल के सेवन से बीमारियों का अंदेशा रहता है, वहां प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बैगा, भारिया, सहरिया जैसी अतिपिछड़ी जनजाति की महिलाओं में कुपोषण दूर करने के लिए प्रत्येक महिला को प्रतिमाह एक हजार रूपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पिछले पाँच महीनों में इन महिलाओं के खातों में 100 करोड़ रूपए अंतरित किए गए हैं।

लघु वनोपज का मूल्य निर्धारित

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिगड़े वनों का सुधार और राज्य सरकार द्वारा लघु वनोपज का मूल्य निर्धारित करने का फैसला आदिवासी भाई-बहनों के सशक्तिकरण में सहायक होगा।

वनाधिकार-पत्र प्राप्त हितग्राहियों के लिए होगी सिंचाई व्यवस्था

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वनाधिकार-पत्र प्राप्त करने वाले सभी हितग्राहियों के लिए सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मनरेगा योजना के तहत इस दिशा में प्रयास होगा। इससे उनकी आय बढ़ेगी साथ ही जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर खाद-बीज के लिए ऋण उपलब्ध होगा। फसल बीमा भी कराया जाएगा।

आपराधिक मामले होंगे वापस

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गरीब आदिवासियों पर चल रहे छोटे-मोटे आपराधिक मामले वापस लिए जाएंगे। व्यर्थ अदालतों के चक्कर काटने और अन्य उलझनों से आदिवासी भाई-बहनों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री श्रीचौहान ने कहा कि प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखंडों में जो योजनाएँ संचालित हैं,वे योजनाएँतुलनात्मक रूप से कम आदिवासी जनसंख्या वाले विकासखंडों में भी लागू की जाएंगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आदिवासी लोक कलाओं को नई पहचान दिलाने के लिए पहल होगी। आदिवासियों की शिक्षा-दीक्षा, बलिदान, जीवन मूल्य, परम्पराएँ सहेज कर रखने की आवश्यकता है। देश के लिए बलिदान देने में आदिवासी समाज कभी पीछे नहीं रहा। चौहान ने अमर शहीद बिरसा मुंडा, जननायक टंट्या भील, भीमा नायक, महारानी दुर्गावती, रानी कमलावती को याद करते हुए कहा कि 15 नवम्बर को शहीद बिरसा मुंडा का जन्मोत्सव समारोहपूर्वक मनाया जाएगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोड़मैप बनाकर आदिवासी भाई-बहनों की आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने वनाधिकार-पत्र प्राप्त करने वाले हितग्राहियों अनूपपुर की श्रीमती नोहरवती, धार के सागरिया और गुना के भूरसिंह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। मुख्यमंत्री चौहान ने रायसेन, सीहोर, विदिशा और भोपाल के हितग्राहियों को वनाधिकार-पत्र प्रदान किए।

कार्यक्रम की शुरूआत मध्यप्रदेश गान से हुई। अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुमीना सिंह ने स्वागत संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों की पीड़ा को समझा है और उससे मुक्ति के लिए पिछले 15 साल में हरसंभव प्रयास किये हैं। चौहान की पहल पर ही पूरे देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में ही वनाधिकार पट्टे देने का कार्य आरंभ हुआ। आदिवासी को जोत की जमीन का अधिकार मिलना उसकी बड़ी उपलब्धि और जीवन का आधार है। सुमीना सिंह ने आदिवासी विद्यार्थियों को लेपटॉप उपलब्ध कराने का निवेदन भी मुख्यमंत्री से किया। प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति तथा आदिम जाति कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज़ चैनल्स के साथ ही वेबकास्ट, ट्वीटर, फेसबुक,यू-ट्यूब के माध्यम से हुआ। जिला स्तरीय कार्यक्रमों में मंत्रीगण एवं जनप्रतिनिधियों ने हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण किया गया।

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