हाथरस गैंगरेप केसः हरभजन सिंह भड़के, ट्विटर पर लिखा- ‘निर्भया से अब तक कुछ नहीं बदला’

 नई दिल्ली  
उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक युवती से गैंगरेप होने की खबर आई, पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एडमिट किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। खबरों के मुताबिक गैंगरेप के बाद आरोपियों ने युवती की जीभ काट दी, रीढ़ की और गर्दन की हड्डी भी तोड़ डाली थी। पूरे देश में अब इस युवती को इंसाफ दिलाने की मांग उठ रही है। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली, सीनियर क्रिकेटर हरभजन सिंह और पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी सोशल मीडिया के जरिए इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया है। भज्जी ने ट्विटर पर लिखा कि 'निर्भया' से लेकर अब तक कुछ नहीं बदला है।
 
आपको याद दिला दें 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था, जिसके बाद पूरे देश में इस घटना को लेकर आक्रोश था। इसके बाद रेप को लेकर कानून में भी बदलाव किए गए। भज्जी ने ट्विटर पर लिखा, 'दुख की बात है कि भारत में निर्भया से लेकर अब तक कुछ नहीं बदला है! जीभ काट दी, गर्दन और रीढ़ की हड्डी तोड़ डाली… वो इस क्रूर रेप से बच नहीं पाई और दम तोड़ दिया। दोषियों को सबके सामने फांसी पर चढ़ा देना चाहिए।' सुरेश रैना ने ट्विटर पर लिखा, 'यह सुनने में ही दर्दनाक है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती को सताया गया, उसका गैंगरेप हुआ और वो जिंदगी से जंग हार गई। हमें दोषियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाना चाहिए। यह अब खत्म होना चाहिए, हमारी महिलाओं के बिना डरे बाहर निकलने का हक होना चाहिए।' विराट कोहली ने भी इस घटना पर ट्वीट किया था।

क्या है पूरा मामला

दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में हाथरस गैंगरेप की पीड़िता की मौत के बाद मंगलवार देर रात पुलिस युवती का शव लेकर हाथरस जनपद के बुलगाड़ी गांव पहुंची। पीड़िता का शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे, लेकिन पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद परिजनों की गैर मौजूदगी में गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। ग्रामीणों के भारी आक्रोश को देखते हुए इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिसबल की तैनाती की गई थी। बताया जा रहा है कि गैंगरेप पीड़िता का शव रात करीब 12:45 हाथरस पहुंचा। एंबुलेंस को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोक दिया और एंबुलेंस के आगे लेटकर आक्रोश जताया। इस दौरान एसडीएम पर परिजनों के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई। दरअसल, परिजन रात में शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, जबकि पुलिस तुरंत अंतिम संस्कार कराना चाहती थी। इसके बाद आधी रात के बाद करीब 2:40 बजे बिना किसी रीति रिवाज के और परिजनों की गैरमौजूदगी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने आखिरी सांस ली, उसके बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है। 
 

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