हाथरस में पूरे कानून व्यवस्था को ही हो गया हैं कोरोना – डहरिया

रायपुर
उत्तरप्रदेश के हाथरस में हुई गैंगरेप एवं हत्या की छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने तीव्र भत्र्सना करते हुए कहा कि जिस प्रकार घटना से जुड़े तथ्यों को मिटाने के लिए वहां मीडिया तक को प्रवेश करने से मना कर दिया इससे ऐसा लगता है कि हाथरस में पूरे कानून व्यवस्था को ही कोरोना हो गया है। इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़वासियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए 5 अक्टूबर को ब्लॉक, 6 अक्टूबर को जिला व 7 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा जायेगा।

नगरीय निकाय प्रशासन विकास एवं श्रम विभाग मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, , प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष धनेश पाटिला, छग पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी, के.पी.खण्डे, सुंदर लाल जोगी, सुनील बांधे, एस.पप्पु बघेल, मनोज बंजारे ने राजीव भवन में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि दलित समाज की बेटी स्व. मनीषा बाल्मीकि का 14 सितंबर को सामूहिक बलात्कार कर अपराधियों द्वारा उनकी जीभ काट दी गई, रीढ़ की हड्डी को तोड़कर गर्दन को मरोड़ा गया इस तरह उनके द्वारा जघन्य व क्रूरतम अपराध किया गया जो उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में यह वारदात घटित हुआ है। 14 से 28 सितंबर तक मनीषा बिटिया का समुचित ईलाज नहीं कराया गया। जब उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर हुई तब उसे सफदरगंज अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया गया। जहां 29 सितंबर रात्रि को उनकी मृत्यु हो गयी और उसी मध्य रात्रि को लगभग 2.30 बजे स्व. मनीषा का दाह संस्कार भी कर दिया गया तथा परिजनों को मृतका का अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिया गया। इस तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र और देश के संविधान की हत्या कर अमानवीय रूप से पीड़िता के शव को बिना परिजनों की उपस्थिति एवं सहमति के बैगर ही अंतिम संस्कार कर पुलिस की बर्बता तथा गुंडाराज को प्रमाणित किया।

हिन्दु रीति-रिवाज के अनुसार रात्रिकालीन किसी भी मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता, किन्तु सच का सामना न करने वाला उत्तर प्रदेश की पुलिस ने यह कदम उठाकर धार्मिक संस्कारो को भी समाप्त करने का प्रयास किया है। जबकि योगी अपने आपको हिन्दु सम्राट एवं हिन्दुओं के संरक्षक बताते है। पुलिस की बर्बरता इतनी बढ़ गई है कि मीडिया वाले को भी परिवार वालो से मिलने नहीं दिया गया, वहीं उनके घर जाने वाले सभी रास्ते में पुलिस की तैनाती कर दी गई ताकि कोई भी भेट मुलाकात न कर सके। इस तरह हाथरस में कहा जा सकता है कि पूरे कानून व्यवस्था को कोरोना हो गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री जी के कहने पर मुख्यमंत्री योगी परिवार वालो को सहयोग करने का झूठा दिलासा दे रहे है तो वहीं वहां के डी.एम. (जिला दण्डाधिकारी) परिवार वालो को धमकी देते साफ नजर आ रहे है। जो कि उनके असली चरित्र को दशार्ता है।

उत्तर प्रदेश की इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़वासियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है जिसे लेकर छ.ग. अनुसूचित जाति कांग्रेस कमेटी तथा अनुसूचित जाति वर्ग के समस्त सामाजिक संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से क्रमवार धरना प्रदर्शन किया जायेगा। जिसके अनुसार 5 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के समस्त ब्लाको में धरना देकर तहसीलदार एवं एस.डी.एम. ज्ञापन, 6 अक्टूबर को प्रदेश के सभी 28 जिलों में तथा 7 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन आयोजित कर कलेक्टर एवं महामहिम राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपा जायेगा। जिसमें उत्तर प्रदेश में दलित समाज के साथ होने वाली लगातार विभिन्न जघन्य अपराधो को देखते हुये उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर वहां के जिला एवं पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर एस्ट्रो सिटी एक्ट के तहत कार्यवाही कर अपराधियों को फास्ट्रेक कोर्ट के माध्यम से यथाशीघ्र फांसी की सजा दिलवाये जाने की मांग की जायेगी।

Back to top button