कोरोना काल में कैसे हुआ रावण दहन?  

नई दिल्ली 
कोरोना वायरस के कारण दशहरे के त्योहार पर इस साल पहले जैसी रौनक नजर नहीं आई. उत्तर भारत में बहुत ही कम जगहों पर रावण के पुतले का दहन हुआ. कई जगहों पर लोगों के उत्साह में कमी दिखी. लेकिन कुछ लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तोड़ने से जरा भी नहीं चूके. आइए इस साल देशभर में हुए रावण दहन की कुछ तस्वीरें देखते हैं. धर्मशाला में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले का दहन किया गया. रावण दहन पर हर साल यहां लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा होती थी, लेकिन कोरोना के डर से इस बार सरकार ने भीड़ न इकट्ठा करने और प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए हैं.
 
त्योहार के मौसम की इतनी सुस्त शुरुआत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार फेस्टिव सीजन में बहुत ज्यादा रौनक नहीं रहने वाली है.
हालांकि, कई जगहों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आए. देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम का ये नजारा इस बात का प्रमाण है. आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में भी दशहरे के आखिरी दिन मनाए जाने वाले 'तेप्पोत्सवम सेलिब्रेशन' में लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हुई.
 दिल्ली के द्वारका में हर साल सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाता है. कोरोना काल में भी यहां रावण का 125 फुट ऊंचा पुतला फूंका गया.
 नवी मुंबई में भी दस सिर वाले रावण के पुतले का दहन हुआ, जिसे देखने वालों की सड़क पर कमी नहीं थी.
 यहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क से जुड़ी बातों को भुलाकर रावण दहन देखने पहुंचे थे. तस्वीर में देखकर आप भीड़ का अंदाजा लगा सकते हैं.

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