चांद पर चांग-ई-5 ने फहराया चीन का झंडा, नमूना लेकर धरती की ओर हुआ रवाना

चीन का चंद्रयान चांग ई-5 चांद की सतह से नमूने एकत्रित कर धरती की ओर रवाना हो गया है। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार शाम को बताया कि चांग ई-5 के एस्केंडर ने चंद्रमा की सतह से टेक ऑफ कर लिया है। चीनी अंतरिक्षयान के लैंडर ने टेक ऑफ के ठीक पहले कपड़े से बने चीन के राष्ट्रीय ध्वज को चंद्रमा की सतह पर फहराया है। बता दें कि चांग ई-5 चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चीन का तीसरा अंतरिक्षयान है।

आर्बिटर से जुड़ने के लिए लैंडर ने भरी उड़ान
चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि मंगलवार को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के 19 घंटे के अंदर चांग ई-5 के एस्केंडर ने नमूनों को इकठ्ठा कर लिया। जिसके बाद गुरुवार शाम को एस्केंडर ने 3,000-न्यूटन वाले थ्रस्ट इंजन के साथ चंद्रमा की 15 किलोमीटर दूर परिक्रमा कर रहे ऑर्बिटर से जुड़ने के लिए उड़ान भरी है। जिसके बाद ऑर्बिटर और एस्केंडर धरती के लिए रवाना होंगे।

चीन के सबसे शक्तिशाली रॉकेट से लॉन्च हुआ था मिशन
चीनी मिशन अगर सफलतापूर्वक धरती पर पहुंच जाता है तो उसकी चंद्रमा के बारे में समझ बढ़ेगी और इससे उसे चंद्रमा पर बस्तियां बसाने में मदद मिलेगी। चीन के अंतरिक्ष यान को चांद तक पहुंचाने के लिए लांग मार्च-5 रॉकेट का इस्‍तेमाल किया गया है। यह रॉकेट तरल केरोसिन और तरल ऑक्‍सीजन की मदद से चलता है। चीन का यह महाशक्तिशाली रॉकेट 187 फुट लंबा और 870 टन वजनी है।

44 साल बाद चंद्रमा से नमूना लाएगा कोई अंतरिक्षयान
चंद्रमा की सतह पर 44 साल बाद ऐसा कोई अंतरिक्षयान उतरा है जो यहां से नमूना लेकर वापस लौटेगा। इससे पहले रूस का लूना 24 मिशन 22 अगस्त 1976 को चांद की सतह पर उतरा था। तब लूना अपने साथ चांद से 200 ग्राम मिट्टी लेकर वापस लौटा था। जबकि, चीन का यह स्पेसक्राफ्ट अपने साथ 2 किलोग्राम मिट्टी लेकर वापस आएगा।

चांद की सतह पर चीन के दो मिशन पहले से मौजूद
चीन के दो मिशन चांद की सतह पर पहले से ही मौजूद हैं। इसमें चेंग-ई-3 नाम का स्पेसक्राफ्ट 2013 में चांद के सतह पर पहुंचा था। जबकि जनवरी 2019 में चेंग-ई-4 चांद की सतह पर लैंडर और यूटू-2 रोवर के साथ लैंड किया था। बताया जा रहा है कि ये मिशन अब भी एक्टिव हैं।

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