मेयर बनाने के लिए AIMIM और TRS का होगा गठबंधन?, ‘भगवा स्ट्राइक’ से बिगड़ा हैदराबाद नगर निगम का गणित

 हैदराबाद 
भारतीय जनता पार्टी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी को ना सिर्फ चौंका दिया है, बल्कि मेयर की गणित भी बिगाड़ दी है। 150 सीटों वाले इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। मेयर बनाने कि किसी दो पार्टी को साथ आना ही होगा। इस बात की कयासबाजी तेज हो गई है कि चुनाव में सबसी बड़ी पार्टी बनकर उभरी टीआरएस और तीसरे नंबर पर रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM मेयर बनाने के लिए गठबंधन कर सकती है। हालांकि बीजेपी दोनों पर परोक्ष रूप से एक-दूसरे की मदद करने का आरोप लगाती रही है।

ओवैसी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के बारे में बात करते हुए कहा, “टीआरएस हमारे विपक्ष में है, लेकिन तेलंगाना में यह एक दुर्जेय राजनीतिक पार्टी है, इसे स्वीकार करना होगा। यह तेलंगाना की क्षेत्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करता है। मुझे यकीन है कि के चंद्रशेखर राव इन चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे। मुझे यकीन है कि वह भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।”

बीजेपी ने इस चुनाव ने अपनी पैठ बढ़ाते हुए राज्य में सत्तारूढ टीआरएस को लगभग भयभीत कर दिया है, जो नगर निकाय पर बमुश्किल अपना कब्जा बरकरार रख पाने में कामयाब रही। भाजपा के बेहतरीन प्रदर्शन को जहां पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने 'भगवा स्ट्राइक' करार दिया है, वहीं स्थानीय चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को नैतिक जीत बताते हुए कहा कि भगवा पार्टी तेलंगाना में टीआरएस की एकमात्र विकल्प के रूप में उभरी है। 
 
आपको बता दें कि सत्तारूढ़ टीआरएस 150 वार्डों वाले जीएचएमसी चुनाव में 55 सीटों जीतने वाली एकल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं, बीजेपी 48 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। पिछले चुनाव में भगवा पार्टी के पास महज चार सीटें थीं। वहीं, एआईएमआईएम ने अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराते हुए 44 सीटों पर जीत दर्ज की है। 149 के परिणामों की घोषणा की गई क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मतगणना को एक वार्ड में रोकना पड़ा।

टीआरएस ने चुनाव परिणामों को उम्मीदों के अनुरूप नहीं बताया है लेकिन इसके कार्यकारी प्रमुख केटी राम राव ने कहा कि इसे लेकर निराश होने की कोई बात नहीं है। उन्होंने सर्वाधिक सीटों पर टीआरएस को जिताने के लिए लागों का शुक्रिया अदा किया। मुख्यमंत्री के बेटे रामाराव ने कहा कि पार्टी के प्रदर्शन के बारे में पार्टी की बैठक में चर्चा की जाएगी। 2016 के निगम चुनाव में टीआएस ने 150 वार्डों में 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी।  
भाजपा के बेहतरीन प्रदर्शन पर पार्टी के प्रदेश प्रमुख बी संजय कुमार ने कहा कि यह एक 'भगवा हमला है जिसमें मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में विश्वास जताया है और टीआरएस के खिलाफ वोट दिया। भगवा पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में चार सीटें जीती थी और फिर दुब्बाक विधानसभा उपचुनाव में उसने सत्तारूढ़ दल को शिकस्त दी थी। भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी संभावना मजबूत करने के लक्ष्य से जीएचएमसी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार के लिए उतारा था। 

Back to top button