पहले चरण में सरकारी और निजी क्षेत्र के 5 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन

पटना 
वैश्विक महामारी नोवल कोराना के संक्रमण से बचाव हेतु पहले चरण के टीकाकरण को लेकर कोल्ड चेन तैयार हो गया है। स्वास्थ्य विभाग पहले चरण में केंद्र से मिलने वाले कोरोना वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज में एकत्र करने और उसे जिलों तक पहुंचाने को लेकर तैयार है। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पहले चरण के कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर विभाग में उपलब्ध संसाधन पर्याप्त हैं।

सूत्रों ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के तहत पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में तीन मंजिले भवन में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था है, जहां पहले से ही विभिन्न टीकाकरण अभियानों के तहत अलग-अलग रोगों के वैक्सीन रखे जाते रहे हैं। इस कोल्ड स्टोरेज की क्षमता छह लाख वैक्सीन को एक बार में रखने की है। मुख्य कोल्ड स्टोरेज स्थल से जिलों को उपलब्ध करायी जाएगी।

सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में करीब पांच लाख हेल्थ वर्कर को कोरोना का टीका दिया जाएगा। इसमें राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, नर्सिग स्टाफ, कंपाउडर सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर एवं कर्मी इनमें शामिल हैं। इसके लिए मुख्य कोल्ड स्टोरेज स्थल से जिलों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य विभाग के दस आइस लिंक रेफ्रिजेटर (आईएलआर) उपलब्ध हैं। जिनके माध्यम से आसपास के जिलों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी। 

वैक्सीन मिलने का इंतजार 
केंद्र सरकार द्वारा बिहार को कोरोना के वैक्सीन और उसके वितरण के दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए जाने का इंतजार स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र की ओर से जारी होने वाले दिशा-निर्देशों के तहत ही उसके वितरण की व्यवस्था की जाएगी। 

फ्रंट लाइन वर्कर को वैक्सीन दी जाएगी
दूसरे चरण में कोरोना महामारी के दौरान कार्य कर रहे फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इनमें आशा कार्यकर्ता, पुलिसकर्मी व अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मी शामिल हैं। इसके बाद सामान्यजनों को कोरोना वैक्सीन की खुराक देने को लेकर निर्धारित की जाने वाली कार्ययोजना के तहत कार्रवाई की जाएगी।  

‘कोरोना वैक्सीन के पहले चरण के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त क्षमता है। इसमें बढ़ोतरी को लेकर तैयारी की जा रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा सके।’ -मनोज कुमार, अपर सचिव, स्वास्थ्य विभाग सह कार्यपालक  निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार।

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