नैशनल कॉन्फ्रेंस फारूक अब्दुल्ला पर ED की कार्रवाई से भड़की, कहा- राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हो रहा सब

श्रीनगर
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) स्कैम केस में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत फारूक अब्दुल्ला और अन्य की 11.86 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त कर ली है। इस पर नैशनल कांफ्रेंस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई कार्रवाई को नैशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई बताया है। वहीं माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से देशभर में 'असंतोष और असहमति को खत्म करने के लिए' की जा रही 'बदले की राजनीति'' के तहत नैशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुला की संपत्ति को कुर्क किया गया है।

'गुपकर गठबंधन को मिले समर्थन से हतोत्साहित है बीजेपी'
तारिगामी ने एक बयान में कहा कि ईडी की ओर से फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति को कुर्क किये जाने संबंधी खबरें और कुछ नहीं बल्कि एक राजनीतिक प्रतिशोध है क्योंकि केंद्र की बीजेपी सरकार हाल में संपन्न जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) को मिले लोगों के समर्थन से हतोत्साहित है।

'कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने का समय'
अब्दुल्ला के नेतृत्व वाला पीएजीडी नेकां, पीडीपी और माकपा समेत मुख्य धारा की सात पार्टियों का एक गठबंधन है। तारिगामी ने कहा कि यह देशभर की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों के लिए बीजेपी सरकार की इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने का समय है।
 

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