UP: गिरफ्तार किडनैपर का खुलासा, पुलिस वाले ही करते थे मदद

गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पुलिस का 'ऑपरेशन एनकाउंटर' जारी है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस ने एनकाउंटर में 3 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया और बदमाशों द्वारा किडनैप किए गए एक प्राइवेट कंपनी के इंजीनियर को सकुशल छुड़ा लिया. हालांकि गिरफ्तार एक बदमाश ने कैमरे पर जो खुलासा किया है, वह यूपी पुलिस का एक दूसरा ही चेहरा पेश करती है.

पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया कि गुरुवार की देर रात गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में बदमाशों से उनकी मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ में दो बदमाश महेश और शरद घायल हो गए, जबकि तीसरा बदमाश रिंकू भी पकड़ लिया गया. मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए.

पुलिस ने बताया कि इन बदमाशों ने 23 तारीख को सिहानी गेट इलाके से HCL के इंजीनियर राजीव को किडनैप कर लिया था और उसके परिवार से 15 लाख की फिरौती मांग रहे थे. बदमाशों की निशानदेही पर इंदिरापुरम इलाके से राजीव को सकुशल मुक्त करा लिया गया.

पुलिस अब इस गैंग के दूसरे सदस्यों की तलाश कर रही है और पुलिस को उम्मीद है कि इस गैंग के पकड़े जाने से दिल्ली-एनसीआर में किडनैपिंग का कारोबार बंद होगा. पुलिस का दावा है कि ये बदमाश दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में किडनैपिंग की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं और अब तक करोड़ों रुपए की फिरौती वसूल चुके थे.

बदमाश का कुबूलनामा

लेकिन गिरफ्तार किए गए बदमाशों में से एक रिंकू ने  जो खुलासा किया है, उससे यूपी पुलिस का दूसरा ही चेहरा सामने आ रहा है. बदमाश ने कुछ पुलिसवालों के साथ साठगांठ का खुलासा किया है.

आरोपी का दावा है कि पुलिस वालों की मदद से ही उसके गैंग ने किडनैपिंग की कई वारदातों को अंजाम दिया. रिंकू ने बताया कि पुलिस वालों से ही उन्हें ये जानकारी मिलती थी कि लोकेशन बदल-बदलकर बात करने से अपराधी को पकड़ना मुश्किल होता है.

इसीलिए अपहरण के बाद गैंग के लोग हरियाणा और राजस्थान जाकर कॉल करते थे. इसके अलावा पुलिस रडार से बचने के लिए उनका गैंग व्हाट्सऐप कॉल का सहारा लेता था और यह नुस्खा भी उसे पुलिस वालों ने ही बताया था.

इतना ही नहीं किसी केस के सिलसिले में थाने में क्या कार्यवाही चल रही है और पुलिस का अगला कदम क्या होगा, इस तरह की जानकारियां भी वे बदमाशों को देते रहते थे. पुलिस वाले ये सारी जानकारियां व्हाट्सऐप कॉल के जरिए ही देते थे, ताकि किसी तरह का रिकॉर्ड न मिल सके.

आरोपी ने बताया कि उनका गैंग शिकार को लिफ्ट देने के बहाने किडनैप कर लेता था. इसके बाद सवारी को नशे से बेहोश कर दिया जाता था ताकि वो शोर ना मचा सके. इस तरह अब तक ये गैंग किडनैपिंग की 5 से 7 वारदातों को अंजाम दे चुका था.

इंजीनियर किडनैपिंग केस में पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाश का कुबूलनामा बेहद गंभीर है और यह सवाल खड़ा करती है कि अगर पुलिस ही अपराधियों से हाथ मिला ले तो फिर आम लोगों की सुरक्षा का क्य़ा होगा?

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