नीम बीज रोपण व सुरक्षित वृक्षारोपण की तैयारी करने, कलेक्टर के निर्देश

कटनी
कलेक्टर केवीएस की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार में नीम बीज रोपण अभियान एवं वृक्षारोपण अभियान 2018 के संबंध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण के लिए नीम का वृक्ष अति लाभदायक होता है। इसलिए स्वस्थ पर्यावरण के लिए नीमबीज रोपण आवश्यक है। कलेक्टर केवीएस चौधरी ने जिले के शासकीय अमलें तथा शिक्षकों एवं आमजन से जुलाई माह में सघन नीम बीज रोपण अभियान चलाने की अपील की है। कलेक्टर ने बताया है कि पौधा रोपण से मृदा क्षरण एवं भूमि को मरूस्थल बनने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही भूमिगत जल स्तर और मृदा में नमी को बढाया जा सकता है। पौधारोपण में सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। यह देखा गया है कि लोक जीवन में यह सभी अंग जब लोक कल्याण के लिए कार्य करते हैं तभी परिणाम मिलते है।

जुलाई से गांव गांव में अभियान चलाकर शाला-आंगनबाड़ी और अन्य शासकीय परिसरों में प्रत्येक में आठ छायादार वृक्षों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण में सरकारी तंत्र के अलावा गैर सरकारी संगठन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। वृक्षारोपण के सम्बन्ध में हर व्यक्ति को स्वयं एक कार्यकर्ता बनना होगा।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम में ग्राम पंचायत द्वारा न्यूनतम 50 किलो नीम बीज का रोपण किया जाए। प्रत्येक कार्यालय, शाला भवन, पंचायत, छात्रावास, आंगनबाड़ी, पशु औषधालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पटवारी, राजस्व निरीक्षक के शासकीय भवनों, आवासों तथा अन्य शासकीय भवनों के परिसर में मटका थिम्बक सिंचाई पद्धति से वृक्षारोपण किया जाए।

 ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक ग्राम के अधिक से अधिक परिवारों के घर के आसपास पांच-पांच फलदार पौधों का रोपण कराया जाए। प्रत्येक ग्राम में पांच स्थानों पर त्रिवेणी वृक्षों पीपल, बरगद और नीम का रोपण और संरक्षण किया जाए।तथा वृक्षारोपण अभियान 2018 का सफल क्रियान्वयन किया जाए।

कलेक्टर ने कहा कि अभियान का प्रमुख घटक है नीम बीजरोपण। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 50-50 किलो निम्बोली एकत्रित करनी होगी और एक जुलाई से 15 जुलाई के मध्य गांव-गांव में अभियान चलाकर झाडि़यों और चरनोई भूमियों पर इन बीजों का रोपण करना होगा। रोपित बीज अंकुरित होकर 7 वर्षों में वृक्ष बनकर गांवों तथा क्षेत्र का पर्यावरण संतुलित करेंगे। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि ध्यान रखना होगा कि रोपे गए पौधे सुरक्षित रहें।

 

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