SC में होगी ट्रैक्टर रैली पर सुनवाई, किसानों और सरकार के बीच होगी आज 10वें दौर की वार्ता

नई दिल्ली
किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की बात कर रहे हैं तो वहीं आज किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत होनी है। पिछले 56 दिनों से दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। ये वार्ता दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। बता दें कि यह बैठक 19 जनवरी सोमवार को होनी थी, लेकिन इसे फिर एक दिन के लिए टाल दिया गया था। 

तो वहीं वहीं सुप्रीम कोर्ट आज किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के मामले पर सुनवाई भी करेगा, आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस के माध्यम से याचिका दायर की गई है जिसमे 26 जनवरी को संभावित ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है क्योंकि इस रैली से गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में बाधा सकती है।तो वहीं केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सभी पक्षों से बातचीत के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी गुरुवार (21 जनवरी) को किसानों के साथ अपनी पहली बैठक करेगी। 

कमेटी के सदस्य अनिल घनवत ने बताया कि हमने आज सभी सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक मे कमेटी ने फैसला लिया कि किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को सुबह 11 बजे होगी। जो किसान संगठन बैठक में नहीं आ सकते हैं हम उनका मत वीडियो कांफ्रेंसिंग से जानेंगे। सरकार और किसानों के बीच की अभी तक की वार्ता विफल ही रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने दो दिन पहले ही कहा था कि किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ 'मई 2024 तक' प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन 'वैचारिक क्रांति' है। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी चाहते हैं। 

हम सुप्रीम कोर्ट नहीं गये थे, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने भी पेश नहीं होंगे। जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं होगी, सरकार को हमारी बात माननी ही पड़ेगी। राकेश टिकैत ने भी कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि बिना कानून को रद्द किए, किसान यहां से नहीं हटने वाला है। इस आंदोलन को किसान ने अपने दिल में ले लिया है और ऐसा में कृषि कानूनों को निरस्त करने से कम नहीं समझेगा। सरकार को स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।
 

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