आत्मनिर्भर भारत हमारे लिए रणनीतिक रूप से जरूरी: सेना प्रमुख

नई दिल्ली
भारतीय सेना भी इन चुनौतियों से अछूती नहीं रही, जहां एक ओर लद्दाख में चीन ने कई बार घुसपैठ की कोशिश की, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर नापाक हरकतों को अंजाम देने में जुटा रहा। कोरोना महामारी की वजह से साल 2020 में देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद हमारे वीर जवानों ने सभी चुनौतियों का डटकर सामना किया। साथ ही भारतीय सेना सुरक्षा की दृष्टि से और ज्यादा मजबूत हो गई है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के मुताबिक 2020 एक अद्वितीय वर्ष था, जहां कोविड-19 के साथ उत्तरी सीमाओं पर कई चुनौतियां आईं। 

पिछले साल की चुनौतियों ने ग्लोबल सप्लाई सिस्टम की कमियों को सामने ला दिया है, जिससे आत्मनिर्भरता की जरूरत का पता चला। उन्होंने कहा कि आज रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एक रणनीतिक आवश्यकता भी बन गई है। इस वजह से पूरे स्पेक्ट्रम में दीर्घकालिक क्षमताओं का निर्माण अनिवार्य हो गया है। राजनाथ सिंह बोले-भारत-चीन गतिरोध के समय सेना ने करिश्माई काम किया जनरल नरवणे ने कहा कि निजी उद्योग आज हमें बड़े रक्षा प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहे हैं, जिसमें आर्टिलरी गन, रडार, बड़ी संख्या में हथियार और उपकरण शामिल हैं। आत्मनिर्भर भारत देश को सभी क्षेत्रों में खुद पर निर्भर रहने और ग्लोबल अर्थव्यवस्था में मुख्य खिलाड़ी बनने में समर्थ बनाएगा। उन्होंने एक बार फिर से साफ किया कि भारतीय सेना हर बड़ी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। मौका आने पर दुश्मन को माकूल जवाब दिया जाएगा। 

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