राहुल, अमरिंदर, पवार, राउत… जानें विपक्ष ने ट्रैक्टर रैली में हिंसा पर क्या-क्या कहा

नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस की सुबह राजधानी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। ट्रैक्टरों पर सवार प्रदर्शनकारी लाल किले तक पहुंच गए और अपना पीला झंडा लहरा दिया। आईटीओ में प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टरों से बैरिकेड तोड़ दिया जिसके बाद हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। वहीं, देश की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने घटना पर प्रतिक्रिया दी है। किसी ने किसानों से वापस जाने को कहा है, तो कहीं सरकार पर सवाल उठाया गया है।

संजय राउत, शिवसेना
दिल्ली की इस हिंसा पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने चुटकी लेते हुए कहा है, 'क्या इसी दिन का इंतजार केंद्र सरकार कर रही थी। सरकार ने आखिर तक प्रदर्शनकारी किसानों की बात नहीं सुनी। राउत ने सवाल किया कि आखिर किस तरह का लोकतंत्र हमारे देश में पनप रहा है? उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र नहीं है भाई देश में कुछ और ही चल रहा है'। जय राउत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है, ' सरकार अगर चाहती तो यह हिंसा रोक सकती थी। दिल्ली में जो चल रहा है उसका किसी भी प्रकार से समर्थन नहीं किया जा सकता है। कोई भी हो लाल किला और तिरंगे का अपमान सहन नहीं कर करेंगे। राउत ने सवाल किया कि आखिर ये माहौल बिगड़ा क्यों? सरकार कृषि विरोधी कानून रद्द क्यों नहीं कर रही है? क्या कोई अदृश्य हाथ राजनीति कर रहा है'?

आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में कहा, 'आज के प्रोटेस्ट के दौरान हुई इस हिंसा की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह खेदजनक है कि केंद्र सरकार ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया। पिछले दो महीने से आंदोलन शांतिपूर्ण है। किसान नेताओं ने कहा है कि जो लोग आज हिंसा में शामिल थे, वे आंदोलन का हिस्सा नहीं थे और बाहरी लोग थे। वे जो भी थे, हिंसा ने निश्चित रूप से इस आंदोलन को कमजोर किया है जो इतने शांति से और अनुशासित तरीके से चल रहा था।'

शरद पवार, NCP
आज दिल्ली में जो हुआ कोई भी उसका समर्थन नहीं करता लेकिन इसके पीछे के कारण को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे थे, भारत सरकार की जिम्मेदारी थी कि सकारात्मक बात कर हल निकालना चाहिए था। वार्ता हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला। जिस तरह से इस आंदोलन को हैंडल किया गया, यह अफसोसजनक है। विपक्ष में बैठे हम सब लोग किसानों का समर्थन करते हैं और अपील करते हैं कि अब किसान शांति से अपने गांव वापस चले जाएं और सरकार को उनके ऊपर आरोप मढ़ने का कोई मौका न मिले।

राहुल गांधी, कांग्रेस
हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानून वापस लो।

कैप्टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस
दिल्ली में हैरान कर देने वाला नजारा। कुछ लोगों का हिंसा करना अस्वीकार्य है। इससे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों की छवि खराब होगी। किसान नेताओं ने खुद को इससे अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली को रोक दिया है। मैं सभी किसानों से अपील करता हूं कि दिल्ली को खाली करके वापस लौट जाएं।

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