सुप्रीम कोर्ट का स्टे से इंकार, 7 जून को रिलीज होगी ‘काला’
सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'काला' इस समय काफी चर्चा में है। फिल्म की रिलीज डेट 7 जून तय थी लेकिन विवादों के कारण इसपर सस्पेंस बना हुआ था कि यह वक्त पर रिलीज हो सकेगी या नहीं। अब 7 जून को इसकी रिलीज का रास्ता साफ हो गया है और खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। बुधवार को इसकी रिलीज पर स्टे लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। जस्टिस ए के गोयल और अशोक भूषण की बेन्च ने के एस राजशेखरन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें फिल्म की रिलीज पर स्टे लगाने की मांग की गई थी। इस याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हर कोई फिल्म की रिलीज का उत्सुकता से इंतजार कर रहा है और हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।'
मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को फिल्म की रिलीज के लिए जरूरी सुरक्षा इंतजाम करने के लिए निर्देश दिया था। दरअसल कावेरी जल विवाद पर रजनीकांत के बयान के बाद कर्नाटक के कुछ संगठन रजनीकांत की फिल्म 'काला' के प्रदर्शन का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने फिल्म के रिलीज होने पर थिएटर्स में तोड़फोड़ की धमकी भी दी है।
क्या है कावेरी विवाद?
कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कई वर्षों से विवाद है। कावेरी नदी के बेसिन में कर्नाटक का 32 हजार वर्ग किलोमीटर और तमिलनाडु का 44 हजार वर्ग किलोमीटर का इलाका आता है। दोनों ही राज्यों का कहना है कि उन्हें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। विवाद के निपटारे के लिए जून 1990 में केंद्र सरकार ने कावेरी ट्राइब्यूनल बनाया था, लंबी सुनवाई के बाद 2007 में फैसला दिया कि हर साल कावेरी नदी का 419 अरब क्यूबिक फीट पानी तमिलनाडु को दिया जाए, जबकि 270 अरब क्यूबिक फीट पानी कर्नाटक को दिया जाए।
कावेरी बेसिन में 740 अरब क्यूबिक फीट पानी मानते हुए ट्राइब्यूनल ने अपना फैसला सुनाया। इसके अलावा केरल को 30 अरब क्यूबिक फीट और पुड्डुचेरी को 7 अरब क्यूबिक फीट पानी देने का फैसला दिया गया। ट्राइब्यूनल के फैसले से कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल खुश नहीं थे और फैसले के खिलाफ तीनों ही राज्य एक-एक करके सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।