9वीं फेल ‘पीएचडी’ ने ठगे 500 करोड़ रुपये, दुबई में बैठा है मास्टरमाइंड

ठाणे 
'मनी ट्रेड कॉइन' नामक फर्जी करंसी में निवेश का झांसा देकर ढाई हजार लोगों से 500 करोड़ रुपये ठगने का एक मामला सामने आया है। ठगी करने वाली कंपनी का पर्दाफाश ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने किया है। इस ठगी के लिए 'फ्लिस्टोन' कंपनी ने कुल 105 करोड़ सिक्के तैयार किए थे। शुरुआत में तीन-तीन डॉलर कीमत के सिक्के छह-छह हजार डॉलर में बिके। इनमें से दो करोड़ सिक्के बाजार में आ गए थे। कंपनी का मास्टरमाइंट आठवीं पास है, लेकिन उसने ऑकलैंड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट ले रखी है। 

पुलिस ने कंपनी के लिए तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने और सॉफ्टवेयर बनाने वाले तहा हाफिज काजी को गिरफ्तार किया है। काजी मुंब्रा के कौसा स्थित फलाह कॉम्पलेक्स में रहता है और उसने पनवेल के कॉलेज से कंप्यूटर इंजिनियरिंग में डिप्लोमा किया है। 

पुलिस कंपनी के मुखिया अमित लखन पाल सहित 4 लोगों की तलाश कर रही है। ठाणे के घोडबंदर रोड और मुंबई के विक्रोली स्थित कंपनी के कार्यालयों पर छापेमारी कर पुलिस ने 53 लैपटॉप, बड़ी संख्या में फर्जी कागजपत्र, सरकारी, गैर सरकारी मुहरें, मोबाइल फोन, फर्जी दस्तावेज, फर्जी विजिटिंग कार्ड और फर्जी कॉइन सहित बड़ी मात्रा में सामान जब्त किया है। अब तक की जांच में ढाई हजार लोगों से 500 करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आया है। 

13 फर्जी कंपनियां 
पुलिस के अनुसार अमित भाग गया है और वह फिलहाल दुबई में है। कंपनी का दुबई में भी कार्यालय है। अमित पाल ने 13 फर्जी कंपनियां बना रखी हैं। पुलिस कंपनी के लिए रुपयों का कलेक्शन करने वाले और फाइनेंस देखने वाले सचिन शेलार की तलाश कर रही है। ठाणे पुलिस के सहायक निरीक्षक रैंक के एक अधिकारी के रैकेट से जुड़े होने का खुलासा हुआ है। पुलिस उसकी छानबीन कर रही है। 

दिल्ली के कारोबारी के डूबे पौने दो करोड़ 
दिल्ली के किशन विहार में रहने वाले कारोबारी प्रवीण मुकुट लाल अग्रवाल ने कंपनी में पौने दो करोड़ रुपये का निवेश किया था। जब उन्हें एक भी पैसा वापस नहीं मिला तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। प्रवीण अग्रवाल ने ठाणे अपराध शाखा पुलिस से इसकी शिकायत की थी। आयुक्त परमवीर सिंह के मार्गदर्शन में वरिष्ठ निरीक्षक नितिन ठाकरे, निरीक्षक रणवीर बयस, सहायक निरीक्षक अविराज कुराडे और संदीप बागुल की टीम ने ठगी के जाल का भंडाफोड़ करने में अहम भूमिका निभाई। सिंह ने बताया कि लोगों को आकर्षित करने के लिए अमित लखन पाल ने सोची समझी साजिश के तहत भाव बढ़ाऐ थे और लोग उसके झांसे में आकर कंपनी में मोटी राशि निवेश करते गए। इसके बाद अचानक भाव नीचे आ गए और लोगों के रुपये अटक गए। कुछ ही समय में कई गुना अधिक लाभ मिलने के चक्कर में लोगों ने लाखों रुपये कंपनी में लगाए थे। 

फोटो दिखाकर फंसाता था 
अमित लखन पाल अपने कार्यालय में फोर्ब्स मैगजीन सहित कई अन्य पत्रिकाओं में अपने इंटरव्यू और राजनीति फिल्म और उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों के साथ फोटो दिखाकर लोगों को ठगता था। उसने यूएई के रॉयल परिवार के सदस्यों के साथ भी अपनी फोटो छपा रखी थी। इसके अलावा उसने फर्जी सरकारी विजिटिंग कार्ड भी छपवा रखे थे। कंपनी से जुड़े लोगों ने खुद को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का अधिकृत प्रतिनिधि बताया था। 

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