अधर में लटका मेगा प्रॉजेक्ट, दूसरी बार रद्द हुई पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की बोली

 नई दिल्ली 
देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के लिए नई बिड मंगाने में लगभग एक साल लगाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। लार्सन एंड टुब्रो, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसके लिए बोली लगाई थी। यह दूसरी बार है, जब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए प्रक्रिया रद्द हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने प्रक्रिया रद्द करने का फैसला लेते हुए कहा कि इस प्रॉजेक्ट के लिए मिली बिड्स निर्माण की लागत के राज्य के अनुमान से लगभग 11 पर्सेंट अधिक थी। 

 
प्रॉजेक्ट को आठ पैकेज में बांटकर बिड मंगाई गई थी। सरकार का अनुमान था कि एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग 11,718 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इस प्रॉजेक्ट के लिए अखिलेश यादव की पिछली सरकार के तहत इससे पहले हुई बिडिंग में भी लार्सन ऐंड टुब्रो जैसी बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया था। हालांकि, बीजेपी के उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने के बाद बिडिंग को रद्द कर दिया गया था। उस समय योगी सरकार ने कहा था कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार निर्माण पर 14,200 करोड़ रुपये खर्च करना चाहती थी। 

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा, 'हमने लागत को घटाकर 11,718 करोड़ रुपये किया है। हमें अधिक प्राइस की बिड मिली हैं। हमें उम्मीद है कि बिड का प्राइस और नीचे लाया जा सकता है। हम जल्द ही फिर से बोली की प्रक्रिया शुरू करेंगे।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 23,349 करोड़ रुपये की कुल कॉस्ट वाले इस एक्सप्रेसवे प्रॉजेक्ट का इस महीने आजमगढ़ में शिलान्यास करने की उम्मीद थी, लेकिन बिडिंग रद्द होने के कारण इसमें अब देरी हो सकती है। इस प्रॉजेक्ट की योजना अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान बनाई गई थी। उन्होंने एक वर्ष से अधिक समय तक प्रॉजेक्ट के फाइलों में रहने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, 'हमने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे 19 महीनों में बनाया था। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लंबे समय से फाइलों में है।' 

अब प्रॉजेक्ट के निर्माण के लिए मिली सबसे कम बिड लगभग 13,000 करोड़ रुपये की है। योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे के बीच के हिस्से की चौड़ाई घटाकर 14,200 करोड़ रुपये की वास्तविक लागत में लगभग 900 करोड़ रुपये की कमी की है। प्रॉजेक्ट के आठ पैकेज में से दो के लिए L&T सबसे कम बिड देने वाली कंपनी रही है। एफकॉन्स, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, गायत्री प्रोजेक्ट्स, PNC इंफ्राटेक, एप्को इंफ्राटेक और NCC लिमिटेड प्रत्येक एक पैकेज के लिए सबसे कम बिड देने वाली कंपनियां हैं। 

इनमें से अधिकतर कंपनियों ने समाजवादी पार्टी सरकार के तहत भी प्रोजेक्ट के लिए बिड दी थी। लखनऊ से गाजीपुर तक बनने वाला 341 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे राज्य के नौ कृषि प्रधान जिलों को लखनऊ से जोड़ेगा।। निर्माण शुरू होने के बाद इसके तीन वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।

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