असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को साधेगी कांग्रेस!: कर्नाटक

बेंगलुरु
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार में अपने मंत्रियों को कांग्रेस दो साल के बाद नए चेहरे से रिप्लेस करेगी ताकि वेटिंग लाइन में लगे अन्य लोगों को भी मौका दिया जा सके। इतना ही नहीं, कांग्रेस अपनी नॉन परफॉर्मर्स को छमाही होने वाले असेसमेंट के आधार पर पहले भी पद से हटा सकती है। कांग्रेस इस 'रोटेशन प्लान' के जरिए यह संदेश भी देना चाहती है कि वह वेटिंग लाइन में लगे और असंतुष्ट कार्यकर्ताओं के लिए भी प्रतिबद्ध है। 
 
केपीसीसी यानी कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रेजिडेंट जी परमेश्वरा ने इससे पहले सिद्धारमैया सरकार में भी परफॉर्मेंस असेसमेंट की घोषणा की थी लेकिन यह मूर्त रूप नहीं ले सकी थी। 

आॅल इंडिया कांग्रेस कमिटी के जनरल सेक्रेटरी और कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि किन नए मंत्रियों को हटाना है और किन्हें लाना है, इसपर पार्टी हाई कमान ने थ्री पॉइंट फॉर्म्यूला निकाला है। उन्होंने कहा, ''मौजूदा कैबिनेट को अंतिम कैबिनेट मानकर नहीं चलना चाहिए। मिनिस्टर्स की परफॉर्मेंस का हर छमाही रिव्यू होगा और जो भी अपने टार्गेट्स को पूरा नहीं करते पाए जाएंगे, उनको हटा दिया जाएगा। फिलहाल, पहली बार एमएलए बने किसी शख्स को कैबिनेट में जगह नहीं दी जाएगी। मंत्रियों का कार्यकाल दो साल के रोटेशन बेसिस पर होगा।' 

केपीसीसी के कार्यकारी मुखिया दिनेश गुंडू राव ने कहा कि दो साल बाद होने वाले मंत्रियों के फेरबदल के बाद नए मंत्रियों का कार्यकाल तीन साल का होगा। हालांकि, इनमें जो अच्छा परफॉर्म नहीं कर सकेंगे उनको छमाही असेसमेंट के आधार पर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। 

बता दें कि कैबिनेट में जगह नहीं पाने वाले कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने वेणुगोपाल और परमेश्वरा पर सही फैसला ले पाने के मामले में फेल करार दिया था। एक सोर्स ने बताया कि जो लोग पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोल रहे हैं उनको भविष्य में मंत्री नहीं बनाया जाएगा। सोर्सेज के मुताबिक, बेंगलुरु में गुरुवार को हुई एक मीटिंग में कांग्रेस के कुछ नेता नाराज थे। इनका मानना है कि पार्टी को राज्य में मजबूत करने के बावजूद इन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया।

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