रायपुर दक्षिण में भाजपा का किला भेदने के लिए कांग्रेस के 6 दावेदारों ने लिया संकल्प

रायपुर 
 परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का अभेद्य किला कहा जाता है। यहां से भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल की जीत का अंतर दोनों बार बढ़ा है। 2008 के चुनाव में 24 हजार 939 और 2013 के चुनाव में 34 हजार 799 वोट के अंतर से भाजपा की जीत हुई थी। यही वजह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण सीट को कांग्रेस बेहद चुनौतीपूर्ण मान रही है। चुनौती ज्यादा है, फिर भी कांग्रेस से छह दावेदार ताल ठोंकने को तैयार हैं। इन छहों दावेदारों ने भाजपा के अभेद्य किले को भेदने का संकल्प लिया है।

दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का संकल्प शिविर बुधवार को गांधी मैदान स्थित रंगमंदिर में हुआ। पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को अचानक अपना दौरा रद करके लखनऊ जाना पड़ा, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने शिविर की अध्यक्षता की। शिविर में दक्षिण विधानसभा के 7 दावेदारों को मंच पर बुलाया गया। आलोक पांडेय शहर से बाहर थे, इसलिए मंच पर पार्षद एजाज ढेबर, पार्षद सतनाम सिंह पनाग, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया अग्रवाल, पुष्पेंद्र सिंह परिहार, मनोज ठाकुर और प्रेमचंद लुनावत ही पहुंचे। इन सभी को संकल्प दिलाया गया कि उनमें से प्रत्याशी तो कोई एक ही होगा, लेकिन शेष पांच दावेदारों को प्रत्याशी को जिताने के लिए ईमानदारी और मेहनत के साथ काम करना होगा। दावेदारों ने यह संकल्प भी लिया कि इस बार दक्षिण विानसभा में कांग्रेस को ही जीत दिलाएंगे।

पीसीसी अध्यक्ष बघेल ने जोन, बूथ और पारा-टोला प्रभारियों से हाथ जोड़कर 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए न्योता दिया। उन्होंने कहा कि जोन, बूथ और पारा-टोला के कार्यकर्ताओं में हनुमान जैसी शक्ति है, उन्हें अपनी शक्ति का जगाना है। बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 85 हजार करोड़ के बजट में 12 हजार करोड़ निर्माण कार्यों के लिए है, तो विकास यात्रा में मुख्यमंत्री ने 30 हजार करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण कैसे कर दिया? भाजपा सरकार केवल जनता को छल रही है।

चूल्लुभर पानी में डूब मरना चाहिए – भूपेश

संकल्प शिविर में पीसीसी अध्यक्ष बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार चलाने के बावजूद क्या भाजपा सरकार एक लेक्चरर तैयार नहीं कर पाई, जो आउटसोर्सिंग करनी पड़ रही। गरीबों के लिए हॉस्पिटल नहीं बना पाए। रक्षाबंधन में मुख्यमंत्री ने महिलाओं को राशन कार्ड उनके नाम पर बनवाकर घर का मुखिया होने का तोहफा दिया था। चुनाव जीतते ही राशन कार्ड निरस्त कर दिए।

बघेल ने कहा, रमन सिंह पहले भाई हैं, जिन्होंने रक्षाबंधन में दिए तोहफे को बहनों से वापस लिया। उन्हें चुल्लूभर पानी में डूब मरना चाहिए। बघेल ने कहा अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने पर हल्दी-चावल देकर न्योता दिया जा रहा। जिन्होंने पत्नी को छोड़ दिया, उनके लिए जो अविवाहित है, वह न्योता दे रहीं। छत्तीसगढ़ में हल्दी-चावल का न्योता शादी-ब्याह में दिया जाता है, ये तक भाजपा के लोगों को पता नहीं।

बघेल ने यह भी कहा कि 2003 में जग्गी हत्याकांड हुआ। 2008 के चुनाव के पहले झीरम कांड हुआ। अभी 2018 के चुनाव के पहले व्यवसायी रिंकू खनूजा की संदिग्ध मौत हुई। बघेल ने कहा, ऐसे कांड चुनाव के समय ही क्यों होते हैं? देश में अघोषित आपातकाल लगा है, कोई आवाज उठा दे तो राजद्रोही कह दिया जाता है।

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