जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने महबूबा से तोड़ी दोस्ती
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नई दिल्ली
बीजेपी ने मंगलवार को सबको हैरान करते हुए जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी। बीजेपी के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तक किसी को भी इस बात का अहसास नहीं था कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर पर कुछ ऐसा फैसला लेने वाली है। राजधानी दिल्ली में बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक में पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया। बीजेपी चीफ अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सभी बीजेपी नेताओं की राय जानी और फिर पार्टी ने सरकार से बाहर आने का फैसला किया। बीजेपी महासचिव राम माधव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
- मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती राज्य में हालात नहीं संभाल पाईं।
- रमजान के दौरान केंद्र सरकार ने शांति बहाल के लिए राज्य में सीजफायर किया था। पर न तो आतंकवादियों और न हुर्रियत से अच्छा जवाब मिला।
- बीजेपी चीफ अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की सहमति के बाद पीडीपी से समर्थन वापसी का फैसला किया गया।
- बीजेपी ने राज्य के तीनों क्षेत्र के विकास के लिए कोशिश की। जम्मू, लद्दाख और कश्मीर क्षेत्र के समान विकास के लिए केंद्र ने कोशिश की। पर राज्य सरकार द्वारा जम्मू क्षेत्र के साथ भेदभाव किया गया।
- जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के कारण पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूट रहा है।
- श्रीनगर में एक बड़े पत्रकार की हत्या हो गई पर राज्य सरकार चुप रही।
- राज्य में राज्यपाल शासन से हालात सुधर सकता है। बीजेपी राष्ट्रपति शासन की मांग करती है।
- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद काफी बढ़ गया था। जम्मू-कश्मीर में स्थिति काफी खराब हो गई है।
- पीडीपी ने बीजेपी और केंद्र सरकार के काम में अड़ंगा डालने की कोशिश की।
- बीजेपी ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी है।