स्पेन के आक्रमण के सामने होगी ईरानी रक्षण की अग्निपरीक्षा
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कजान (रूस)
अपने शुरुआती मैच में भाग्य के सहारे जीत दर्ज करके ग्रुप बी में शीर्ष पर चल रहे ईरान की रक्षापंक्ति की फीफा विश्व कप 2018 में कल यहां स्पेन के मजबूत आक्रमण के सामने कड़ी परीक्षा होगी जो इस मैच से अपने अभियान को पटरी पर लाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। ईरान ने अपने पिछले मैच में मोरक्को के आत्मघाती गोल के दम पर 1-0 से जीत दर्ज की थी। इससे वह ग्रुप बी में अभी तीन अंक के साथ शीर्ष पर है। यह 1998 के बाद ईरान की विश्व कप में पहली जीत थी। लेकिन उसकी असली परीक्षा स्पेन और पुर्तगाल के खिलाफ होगी जो पहले मैच में ड्रा खेलने के बाद अगले दोनों मैचों में बड़ी जीत दर्ज करने के लिये बेताब होंगे। स्पेन ने पुर्तगाल के खिलाफ अपने आक्रमण का शानदार नमूना पेश करके तीन गोल दागे थे लेकिन क्रिस्टियानो रोनाल्डो की हैट्रिक से यह मैच 3-3 से बराबरी पर छूटा था। आं्रदेस इनिस्टा, डियगो कोस्टा और डेविड सिल्वा जैसे खिलाड़ी अब इसकी भरपायी ईरान के खिलाफ पूरा करना चाहेंगे जिसकी रक्षापंक्ति रूजबेह चेश्मी के चोटिल होने के कारण कमजोर पड़ी है।
पहले मैच में भले ही ईरान का भाग्य ने साथ दिया था लेकिन उसके खिलाड़यिों ने अपने जुनून और जज्बे का अच्छा नमूना पेश किया था। मौत के इस ग्रुप में ईरान एकमात्र टीम है जिसके नाम पर जीत दर्ज है और निश्चित तौर पर इससे टीम का मनोबल बढ़ेगा। इस जीत के बाद हर अभ्यास सत्र में भी दिखा कि ईरान के खिलाड़यिों में नाकआउट में पहुंचने का जज्बा है। वे अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं लेकिन कार्लोस कुइरोज को चेश्मी के बाहर होने के कारण अपनी रक्षापंक्ति को पुनर्गठित करना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह 2010 के चैंपियन ला रोजा यानि स्पेन के मजबूत आक्रमण से पार पाने के लिये क्या रणनीति अपनाते हैं। स्पेन के नाम पर अभी केवल एक अंक है और नाकआउट में जगह बनाने के लिये कल का मैच उसके लिये काफी महत्वपूर्ण है। पहले मैच में ड्रा खेलने के बावजूद लगता नहीं है कि कोच फर्नांडो हिएरो टीम में किसी तरह का बदलाव करेंगे। डिएगो कोस्टा ने दो गोल दागकर टीम में अपना स्थान पक्का कर दिया। मध्यपंक्ति और अग्रिम पंक्ति ने पिछले मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था।
रोनाल्डो के तीन गोल के बावजूद रक्षापंक्ति में बदलाव की संभावना नहीं है। गोलकीपर डेविड डि गीय अगली बार तीन गोल नहीं खाने के लिये प्रतिबद्ध होंगे। नाचो का भी पिछले मैच में अच्छे प्रदर्शन के बाद राइट बैक में खेलना तय है। स्पेन डेनियल कारवाजल की चोट को लेकर ंिचतित है और यह तय नहीं है कि वह कल के मैच में खेल पाएंगे या नहीं। बहरहाल ईरान 1998 में अमेरिका को 2-1 से हराने के बाद विश्व कप में अपनी पहली जीत दर्ज करने में सफल रहा है। इस बीच उसने पांच मैच ड्रा खेले और दो में उसे हार मिली। वह जापान की 2010 में डेनमार्क पर 3-1 से जीत के बाद विश्व कप में जीत दर्ज करने वाली पहली एशियाई टीम है। ऐसे में ईरानी टीम का उत्साह से लबरेज होना लाजिमी है और स्पेन के खिलाफ वह बिना किसी दबाव के खेलने की कोशिश करेगी।