आतंकवाद के खात्‍मे के लिए 6 एशियाई दोस्‍त करेंगे मिलिट्री एक्सरसाइज

नई दिल्ली 
भारतीय सेना पहली बार श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाइलैंड और म्यांमार की सेना के साथ मिलकर मिलिट्री एक्सरसाइज करेगी। यह एक्सरसाइज पुणे में होगी, जिसका मकसद काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में एक-दूसरे देश का सहयोग करने के साथ ही मिलिट्री फोरम डिवेलप करना है। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं में इस पर जोर देते रहे हैं कि भारत और पड़ोसी देशों को मिलकर आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए।  
 

सरकार में एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में दिक्कत यह होती है कि टेररिस्ट किसी एक देश को अपना बेस बनाकर उसके पड़ोसी देश में आतंक फैलाते हैं। वहां वारदात को अंजाम देकर फिर उस देश में वापस भाग जाते हैं, जहां उनका बेस है। इसलिए काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन की सफलता इस पर निर्भर करती है कि अलग-अलग देश आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करते हुए मिलकर एक फोरम के तहत काम करें। इसलिए सात देशों की यह पहल अहम है। 

हर देश के 30 अधिकारी 
बीआईएमएसटीईसी (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल ऐंड इकनॉमिक कॉ-ऑपरेशन) देशों के बीच मिलिट्री एक्सरसाइज के लिए पहली प्लानिंग कॉन्फ्रेंस हो गई है। इसमें तय किया गया है कि भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाइलैंड और म्यांमार की सेनाएं मिलकर 10 सितंबर से 16 सितंबर तक जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करेंगी। इस पहली बीआईएमएसटीईसी मिलिट्री एक्सरसाइज को भारत होस्ट करेगा। इन सभी देशों की सेना से 5-5 ऑफिसर और 25-25 अदर रैंक के फौजी इसमें शिरकत करेंगे। 

आतंकरोधी कार्रवाई की दिशा होगी तय 
15 और 16 सितंबर को इन सात देशों के आर्मी चीफ की कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें आर्मी चीफ मिलकर इस मल्टी नेशन एक्सरसाइज का रिव्यू करेंगे। इस कॉन्फ्रेंस का मकसद है कि सात देशों के आर्मी चीफ मिल-बैठकर बात करें और ऐंटी टेररिस्ट ऑपरेशन को लेकर किसी तरह एक-दूसरे के सहयोग पर चर्चा करें। इस मीटिंग में इस विकल्प पर भी विचार होगा कि क्या एक रीजनल सिक्‍यॉरिटी फोरम बनाया जा सकता है, ताकि मिलकर आतंकवाद से और अंतरदेशीय अपराधों से मुकाबला किया जा सके। 

गौरतलब है कि म्यामांर से आए रोहिंग्या को लेकर भारत आंतरिक सुरक्षा पर खतरा महसूस करता रहा है। अगर म्यांमार समेत बाकी 6 देशों के साथ मिलकर भारत एक रीजनल सिक्‍यॉरिटी फोरम बनाने में कामयाब रहा तो इस तरह की दिक्कतों से भी निजात मिल सकती है। साथ ही आतंकी इन देशों के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हैं तो रीजनल सिक्‍यॉरिटी फोरम उनपर लगाम लगाने में सफल होगा। 
 

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