भारत आए बिना ही ठगे गए विदेशी सैलानी!

मुंबई 
विदेशी सैलानी भारत आते रहते हैं, तो यहां घूमने के दौरान रुपये निकालने के लिए जगह-जगह एटीएम में कार्ड भी स्वाइप करते हैं। अब मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो उन विदेशियों के खातों में से रकम निकालते थे, जो कभी भारत आए ही नहीं। डीसीपी दिलीप सावंत ने गुरुवार को बताया कि हमने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 51 स्वाइप मशीनें, दो लैपटॉप, क्लोन किए 65 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, अलग-अलग बैंकों की दर्जनों चेकबुक और कार्ड क्लोन करने वाली मशीनें जब्त की हैं। 
 
इस गिरोह का विदेश में बैठा सरगना वहां के ग्राहकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी कर बेंगलुरु के जुबेर सैयद को भेजता था। जुबेर इस डेटा को दूसरे कार्ड्स में ट्रांसफर करता था। इसके बाद इस रैकेट के लोग गोवा, कुल्लू मनाली, चंडीगढ़, मुंबई और जयपुर सहित देश में उन शहरों में जाते थे, जहां विदेशी सबसे ज्यादा आते हैं। इन शहरों के कुछ दुकानदारों को 30 से 35 प्रतिशत कमिशन का लालच देकर उनसे उनकी स्वाइप मशीन ले लेते थे। फिर अपने घर लाकर इन मशीनों में क्लोन कार्ड स्वाइप करके रकम ट्रांसफर कर लेते थे। 

‘टिप’ पर पकड़े 
दो दिन पहले सीनियर इंस्पेक्टर रहीमतुल्ला सैयद, लक्ष्मीकांत सालुंके और सुनील माने को इस गिरोह की ‘टिप’ मिली। इसके बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वकील अजय दुबे के अनुसार, अदालत ने सभी आरोपियों को 26 जून तक क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेज दिया है। 

ऐसे बचते थे CCTV से 
इन शहरों में गिरोह के लोग इसलिए जाते थे, ताकि कार्ड स्वाइप करने पर बैंक और जांच एजेंसियां यही समझें कि किसी विदेशी ने ही यहां कार्ड स्वाइप किया होगा। दुकानदार की स्वाइप मशीन आरोपी घर इसलिए लाते थे, ताकि उनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में न आए। भारत में कार्ड स्वाइप करने के लिए पिन की जरूरत होती है, लेकिन क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, विदेश में कई ऐसे बैंक हैं, जिनके कार्ड से रकम निकालने के लिए पिन की जरूरत नहीं पड़ती। 

एक भी शिकायत नहीं 
2013 से सक्रिय इस गिरोह ने इस तरीके से अब तक 30 से 40 करोड़ रुपये की ठगी की होगी। खास बात यह है कि पिछले पांच साल में एक भी विदेशी ग्राहक ने भारत के किसी भी पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत नहीं की है। डीसीपी सावंत ने बताया, ‘विदेश में ऐसा नियम है कि यदि ग्राहक की कोई गलती नहीं है, तो बैंक इस तरह निकाली गई रकम तत्काल उसके खाते में ट्रांसफर कर देता है। इसीलिए वे शिकायत नहीं करते थे।' 
 

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