पूर्व IG पवन देव को झटका, उत्पीड़न के मामले में कोर्ट ने स्टे पर लगाई रोक
बिलासपुर ।
महिला आरक्षक के उत्पीड़न के मामले में फंसे बिलासपुर के पूर्व आइजी पवन देव को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने कैट से मिले स्टे को खारिज करते हुए गृह सचिव, डीजीपी व केन्द्रीय गृह विभाग को नोटिस जारी किया है। इसमें शपथ पत्र के साथ बताने को कहा गया है कि मामले अब तक क्या कार्रवाई की गई है।
आईपीएस और बिलासपुर के तत्कालीन आइजी पवन देव के खिलाफ मुंगेली में पदस्थ महिला आरक्षक ने कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। जांच कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई गई। कमेटी ने शिकायत को सही पाया और दिसंबर 2016 में शासन को जांच रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं होने से पीड़िता ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने 45 दिन के अंदर आइजी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके बाद शासन ने पवन देव के खिलाफ अप्रैल 2018 में नई चार्जशीट जारी की। इसके खिलाफ उन्होंने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण(कैट) में याचिका दाखिल कर चार्जशीट पर कार्रवाई रोकने की मांग की।
उन्हें कैट से स्थगन आदेश मिल गया। इसके खिलाफ पीड़िता ने हाईकोर्ट में अलग से याचिका दाखिल की। गुरुवार को मामले में सीजे टीबी राधाकृष्णन और जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की डीबी में सुनवाई हुई। मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।