‘2019 में नीतीश के बिना बीजेपी जीत नहीं पाएगी’: जेडीयू नेता 

पटना 
2019 में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बिहार में सत्तारूढ़ बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की लड़ाई अब पूरी तरह से सतह पर आ गई है। अभीतक गठबंधन में सबकुछ ठीक होने का दावा करने वाली जेडीयू ने बीजेपी नेताओं को उनके बयानों के लिए भी आड़े हाथ लिया। जेडीयू ने साथ ही इशारों-इशारों में बीजेपी को चेतावनी दे डाली कि 2014 और 2019 के माहौल में काफी फर्क है। उधर, बीजेपी-जेडीयू के बीच तनातनी के दौर में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश पर डोरे डाले हैं। मांझी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार सीएम का पद छोड़ महागठबंधन में शामिल होते हैं तो तेजस्वी यादव 2020 में बिहार में सीएम का चेहरा हो सकते हैं। जेडीयू नेता संजय सिंह ने सोमवार को कहा, '2019 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बिना बीजेपी का जीतना मुश्किल है।' यहीं नहीं उन्होंने राज्य के बीजेपी नेताओं को 'कंट्रोल' में रहने की हिदायत भी दी है। 

संजय सिंह ने कहा, 'हेडलाइंस देने की चाहत रखने वाले राज्य के बीजेपी नेताओं को कंट्रोल में रहना चाहिए। 2014 और 2019 में काफी अंतर है। बीजेपी भी जानती है कि वह नीतीश जी के बिना जीतने में सक्षम नहीं है। अगर बीजेपी को सहयोगी दलों की जरूरत नहीं है तो वह बिहार की सभी 40 सीटों पर लड़ने के लिए आजाद हैं।' बता दें कि जेडीयू ने सीटों के बंटवारे पर प्रस्ताव दिया था कि गठबंधन में शामिल चारों पार्टियों (भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, जेडीयू और आरएलएसपी) को 2015 के विधानसभा में प्रदर्शन के आधार पर सीटें दी जाएं। दरअसल, ऐसा होने पर सबसे ज्यादा फायदा जेडीयू को होना है क्योंकि उसका प्रदर्शन 2015 के चुनाव में सबसे अच्छा रहा था। 

बीजेपी नेता ने उठाए थे सवाल 
एक ओर जेडीयू इस मामले में जल्द फैसला चाहती है वहीं राज्य के एक बीजेपी नेता ने इसे वास्तविकता से परे बताया है। उनका यह भी कहना है कि इस तरह की रणनीति पार्टियां चुनाव से पहले बनाती रहती हैं। बीजेपी नेता ने कहा था कि 2015 में जेडीयू के अच्छे प्रदर्शन का कारण उसका आरजेडी से गठबंधन था। उन्होंने कहा था, 'अगर सही ताकत का अंदाजा लगाना है तो 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे देखिए, जिसमें जेडीयू को मात्र दो सीटें मिलीं और उसके ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।' 

बिहार में एनडीए के नेता होंगे नीतीश? 
आपको बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 243 सीटों में से जेडीयू को 71, बीजेपी को 53, एलजेपी और आरएलएसपी को दो-दो सीटें मिलीं थीं। उस समय राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जेडीयू का गठबंधन था और दोनों ने मिलकर सरकार बना ली थी। हाल में जेडीयू की ओर से साफ कहा गया था कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश होंगे और पार्टी ने 25 सीटों पर दावा जताया था। 

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