पठानकोट में आर्मी कैम्प के पास ग्रेनेड से हमला,पंजाब में हाई अलर्ट

पठानकोट
पंजाब के पठानकोट में सोमवार तड़के ग्रेनेड हमला हुआ है। यह हमला धीरा पुल के पास आर्मी कैंट के त्रिवेणी द्वार गेट के पास किया गया। इस हमला के बाद कैंट इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हर तरफ नाकेबंदी की गई है। चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट करने वाले दो शख्स बाइक से आए थे। पुलिस और सुरक्षाबलों ने उनकी तलाश शुरू कर दी है।

तेज आवाज से आसपास इलाके में दहशत फैल गई। मौके पर सुरक्षाबल पहुंचे। हालांकि इस हमले में किसी को नुकसान नहीं हुआ है लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर आ गई हैं। पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।

ग्रेनेड फेंककर गायब हो गए हमलावर
ग्रेनेड फेंकने के बाद बाइक सवाल हमलावर वहां से गायब हो गए। वे किस दिशा में भागे पुलिस को तब पता नहीं चल पाया। हमले के बाद पूरे जिले में हाईअलर्ट जारी किया गया है। नाकों पर सघन चैंकिंग जारी है। जगह-जगह सर्चिंग की जा रही है।

लगातार आतंकवादी मारे जा रहे हैं
जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने सुरक्षाबल लगातार एनकाउंटर कर रहे हैं। 20 नंवबर को सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था। यह मुठभेड़ कुलगाम में हुई थी। मारे गए आतंकवादी की पहचान मालवान कुलगाम के मुदासिर जमाल वागे के रूप में हुई थी।

इससे पहले पांच आतंकवादी मारे गए थे
इससे पहले बुधवार को सुरक्षाबलों ने 5 आतंकवादियों को एनकाउंटर किया था। इनमें असफाक अहमद भी शामिल था। असफाक लश्कर के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) का कमांडर था।  TRF इस समय घाटी में सक्रिय है। पिछले दिनों इसने कई घटनाओं को अंजाम दिया। एनकाउंटर में मारे गए अन्य आतंकवादियों में 2 TRF और 2 हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर थे। सुरक्षाबलों को इनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए।

हैदरपोरा एनकाउंटर को लेकर हुआ था विवाद
वहीं, 15 नवंबर को हैदरपोरा मुठभेड़ में दो लोगों की मौत हुई थी। इसे लेकर केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। विपक्षी पार्टियां इसकी न्यायिक जांच कराए जाने की मांग कर रही थीं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ हैदरपोरा मुठभेड़ में नागरिकों की कथित हत्या के खिलाफ बुधवार को जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद  उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने इस मुठभेड़ की मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। सिन्हा ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए यह भी कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि मामले में कोई अन्याय न हो।

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