43 हाथियों के दल ने फसलों को रौंद मचाया उत्पात, रात भर जगे लोग

बिलासपुर
मरवाही वनमंडल के ग्राम मौहरीटोला, अमेरा टिकरा और धनपुरिहा टोला में 43 हाथियों के दल ने शनिवार की रात अपना उत्पात मचाना शुरू किया और इस दौरान कई किसानों के फसलों को रौंदते हुए बर्बाद कर दिया। पूरी तरह इन गांवों के लोग मसाल जलाकर रातभर जगते हुए ताकि उनके मकान सुरक्षित रहे। वर्तमान में हाथियों का दल सागौन पेड़ों से घिरे हुए जंगल बंसीताल में हैं और किसी भी समय गांव में घुसकर तबाही मचा सकते हैं। वन मंडल के अधिकारी भी घबराए हुए हैं।

करीब 10 दिन पहले 42 हाथियों का दल मरवाही वनमंडल में प्रवेश किया। पहले के तीन दिन तो जंगल के अंदर ही मौजूदगी रही और किसी तरह उत्पात भी नहीं मचाया। इससे ग्रामीणों को लगा कि शांत दल है और जिस रास्ते से आए हैं लौट जाएंगे। हालांकि सतर्कता बरती जा रही थी। लेकिन चौथे दिन हाथियों के दल ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। शनिवार की रात हाथियों का दल मरवाही वन मंडल की सीमाओं से लगे मौहरीटोला ,अमेरा टिकरा, धनपुरिहा टोला में रात भर उत्पात मचाया। जब हाथी फसल रौंद रहे थे तो कुछ ग्रामीणों ने दूर से हिम्मत दिखाई और मशाल जलाकर फसल के नजदीक आने से हाथियों को रोकने का प्रयास किया। इसके बाद भी 10 से अधिक किसानों के फसल को रौद दिया। जिसे देखकर ग्रामीणा दहशत में आ गए है और कुछ तो मकान से बाहर भी निकल गए और पूरी रात मसाल जलाकर रातभर जागते रहे ताकि उनका मकान सुरक्षित रह सकें।

जब मरवाही क्षेत्र में हाथियों की दस्तक हुई तो संख्या 42 थी, पर अब 43 हो गई है। एक हथनी ने शावक को जन्म दिया है, वह इसकी हिफाजत करने के लिए आक्रमक है। वर्तमान में हाथियों का दल सागौन पेड़ों से घिरे हुए जंगल बंसीताल में हैं, पर किसी भी समय गांव में घुसकर तबाही मचा सकते हैं। जिस क्षेत्र में अभी हाथियों ने आतंक मचाया है वहां जाने से वन मंडल के अधिकारी भी घबरा रहे हैं। केवल एक वनकर्मी को निगरानी करने की ड्यूटी में लगाई है। वह भी दूर से केवल औपचारिता ही पूरा कर रहा है। हाथियों को खदेड?े के लिए विभाग न तो प्रयास कर रहा है और न ही उनके पास कोई योजना है।

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