जोर-शोर से प्रचार में जुटीं उम्मीदवार, पाक चुनाव में महिलाओं का बोलबाला

इस्लामाबाद
पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान होगा।  35 साल सैन्य शासन झेलने वाले पाकिस्तान में सिर्फ दो बार ही सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाई। नई सरकार का चुनाव 10.5 करोड़ मतदाता करेंगे, जिनमें से 1.77 करोड़ मतादाताओं की उम्र 18 से 25 के बीच है। पाकिस्तान में इस बार आम चुनाव में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाई गई है जिसके तहत हर पार्टी को सामान्य सीटों पर भी कम से कम 5 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देना अनिवार्य है। हालांकि, पहले से ही नेशनल असेंबली की 342 सीटों में 60 महिलाओं के लिए आरक्षित थीं लेकिन नए कानून के तहत देश में महिलाओं का प्रतिनिधित्व और बढ़ाया गया है। टिकट पाने के बाद महिला उम्मीदवार प्रचार में भी जुट गई हैं। 

मौजूदा चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान की महिला उम्मीदवारों में सबसे बड़ा नाम मरियम नवाज शरीफ का है, जो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी हैं। वो नेशनल असेंबली सीट 125 से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं।पाकिस्तान मुस्लिम लीग(नवाज) की नेता और पूर्व PM की बेटी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को नामांकन के आखिरी दिन उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया जिसका मतलब है कि वह अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें पेंसिल चुनाव चिन्ह मिला है। हालांकि, पहले खबर ये भी थी कि वो अपने परिवार की परंपरागत सीट 120 से चुनाव लड़ेंगी। 

इमरान खान की पार्टी ने एक ऐसी सीट पर महिला उम्मीदवार को उतारा है, जहां पहले महिलाओं को वोट देने तक की इजाजत नहीं थी। खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय असेंबली सीट 10 से पीटीआई ने हमीदा शाहिद को टिकट दिया है, जो बड़ा निर्णय माना जा रहा है। मरियम नवाज के अलावा ज़रताज गुल वजीर सबसे लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरी हैं। ज़रताज को पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ से टिकट दिया गया है। वह नेशनल असेंबली सीट 191 से चुनावी मैदान में हैं। शादी के बाद ज़रताज भी इमरान खान से प्रभावित होकर राजनीति से जुड़ गईं। 2013 में ज़रताज ने नेशनल असेंबली 172 से चुनाव लड़ा, लेकिन वो हार गईं. फिलहाल, वो एक बार फिर मैदान में हैं और जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं।

 नए कानून के तहत किसी भी सीट पर महिलाओं की वोटिंग 10% से कम रहने पर दोबारा चुनाव होने का प्रावधान है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है. दरअसल, कई इलाके ऐसे हैं जहां पिछले चुनावों में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत काफी कम रहा था। इससे पहले 2013 के चुनाव में पाक नेशनल असेंबली में 70 महिलाएं चुनकर पहुंचीं थीं। इनमें से 60 आरक्षित सीटों पर जीती थीं, जबकि सामान्य सीटों पर सिर्फ 9 और एक अल्पसंख्यक सीट से चुनीं गई थी। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार आम चुनाव में 10 करोड़ 65 लाख वोटर हैं। इनमें 5.92 करोड़ पुरुष और 4.67 करोड़ महिला वोटर हैं।

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