ट्रोलिंग विवाद: 10 दिनों बाद सुषमा के बचाव में आई सरकार, राजनाथ बोले- गलत हो रहा

नई दिल्ली
गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ पासपोर्ट मामले में ट्विटर ट्रोल का शिकार हुईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बचाव में उतर आए हैं. राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर सुषमा के खिलाफ की जा रहीं अभद्र टिप्पणियों को गलत ठहराते हुए उसकी निंदा की है. केंद्र सरकार की ओर से किसी मंत्री ने सुषमा स्वराज के बचाव में करीब 10 दिनों बाद कोई बयान दिया है.

वहीं इस पूरे विवाद को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने भी गलत बताया है. सरकार की ओर से इस पूरे मामले पर चुप्पी के बीच राजनाथ सिंह का बयान काफी अहम हो जाता है.

विदेश मंत्री ने 24 जून को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह भारत से बाहर थीं और उन्हें पासपोर्ट विवाद के बारे में जानकारी नहीं है. इससे पहले उन्हें लगातार ट्विटर पर ट्रोल किया जा रहा था. सुषमा स्वराज ने अपने खिलाफ किए गए कुछ ट्वीट्स को रि-ट्वीट भी किया था.

ट्रोल विवाद के करीब 10 दिन बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी काफी अहम हो जाता है, क्योंकि इससे पहले सरकार के किसी मंत्री या बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने इस मामले पर बयान नहीं दिया था. माना जा रहा था कि सुषमा इस मामले में अकेली पड़ गई हैं, वहीं कुछ विपक्षी नेता इस पूरे विवाद में सुषमा के साथ खड़े दिख रहे थे.

सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोल को दिये भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर ने कड़े शब्दों से उनके परिवार को असहनीय दर्द दिया है. करीब 24 घंटे तक चले इस सर्वेक्षण में 1,24,305 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि कुछ ही दिन पहले सुषमा को पासपोर्ट जारी करने को लेकर विवाद के सिलसिले में ट्रोल किया गया था. यह पासपोर्ट उस महिला को जारी किया था जिसने अन्य धर्म के मानने वाले से विवाह किया था. इस दंपति ने लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केन्द्र में कार्यरत विकास मिश्रा पर उन्हें पासपोर्ट आवेदन को लेकर अपमानित करने का आरोप लगाया था. विवाद के बाद मिश्रा का स्थानांतरण कर दिया गया था.

इस दंपति ने दावा किया कि मिश्रा ने महिला के पति से कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना ले. अधिकारी पर यह भी आरोप लगाया कि उसने महिला को एक मुस्लिम से विवाह करने को लेकर आड़े हाथ लिया. बाद में पुलिस एवं एलआईयू (स्थानीय खुफिया इकाई) की रिपोर्ट में पाया गया कि महिला ने जो पता दिया था, वह उस जगह पिछले एक साल से नहीं रह रही थी.

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