गोरक्षा मामले पर SC में फैसला सुरक्षित, CJI बोले- कोई कानून ना तोड़े

नई दिल्ली

गोरक्षा के नाम पर हो रही मॉब लिंचिंग के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो गई है. कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर इस तरह की हिंसा की वारदातें नहीं होनी चाहिए. चाहे कानून हो या नहीं, किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.

उन्होंने कहा कि राज्यों का ये दायित्व है कि इस प्रकार की घटना को ना होने दिया जाए. SC की ओर से कहा गया है कि गोरक्षकों के द्वारा हिंसा को रोकने के लिए कोर्ट एक विस्तृत आदेश जारी करेगा. SC ने कहा कि केंद्र को इस मसले पर आर्टिकल 257 के तहत एक स्कीम लानी चाहिए.

ASG नरसिम्हा ने सुनवाई में कहा कि इस मामले में किसी स्कीम की जरूरत नहीं है, ये लॉ एंड ऑर्डर का मामला है. सवाल है कि आखिर कौनसा राज्य सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को मानता है.

सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने इन घटनाओं से निपटने और घटना होने के बाद अपनाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत सुझाव कोर्ट के सामने रखे. ये सुझाव मानव सुरक्षा कानून (मासुका) पर आधारित हैं. सुझावों में नोडल अधिकारी, हाइवे पेट्रोल, FIR, चार्जशीट और जांच अधिकारियों की नियुक्ति जैसे कदम शामिल हैं.

वहीं वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ गया है, वो गाय से आगे बढ़कर बच्चा चोरी का आरोप लगाकर खुद ही कानून हाथ में लेकर लोगों को मार रहे हैं. महाराष्ट्र में ऐसी घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी ही एक घटना में 4 लोगों को मार दिया गया है.

 

इंदिरा जयसिंह ने कहा है कि धर्म, जाति और लिंग को ध्यान में रखते हुए मुआवज़ा दिया जाए. जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ये कुछ उचित नहीं है, पीड़ित सिर्फ पीड़ित होता है. उसे अलग तरह से नहीं देखा जा सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button