PWD के अधिकारियों पर भोपाल न्यायालय ने धारा-166, 167, 420, 467, 468, 471 एवं 120बी में आपराधिक मामला किया पंजीबद्ध

भोपाल
अरविन्द मिश्रा (जिम्मेदार जागरूक नागरिक) ने बतया कि ''मेरे द्वारा पी.डब्ल्यू.डी. के अधिकारियों के विरुद्ध प्रायवेट इस्तगासा दायर किया था। '' पी.डब्ल्यू.डी. के चार अधिकारियों एवं एक ठेकेदार द्वारा मिलकर टीलाखेड़ी से लसुड़िया, घाट पिपलिया, घाट धाकड़, दुवली रोड 17.64 कि.मी. का निर्माण कार्य कराया गया था। इस कार्य को रोड निर्माण की समय-सीमा 17 माह रखी गई थी (अनुबंध किया था)। इस कार्य की अनुमानित लागत 551.78 लाख थी। उक्त मार्ग का निर्माण शासन के मापदण्डों के अनुसार होना था, जो ठेकेदार एवं पी.डब्ल्यू. डी. के. अधिकारियों की मिलीभगत से चलते घटिया स्तर का निर्माण कार्य कराया गया था। इसकी शिकायत आस-पास के गाँव वालों ने की थी, जिसके आधार पर शासन द्वारा कमेटी बनाकर जाँच कराई गई थी, जिसमें भारी अनियमितता पाई गई एवं जाँद में यह भी स्पष्ट हुआ कि ठेकेदार एवं पी.डब्ल्यू.डी. अधिकारियों की मिलीभगत (अपने निजी स्वार्थ के लिए) से घटिया निर्माण कराया गया था, जो कि कुछ समय में ही रोह उखड़ गई थी।

इस प्रकरण की जब मुझे जानकारी हुई तब मेरे द्वारा इस कार्य से सम्बन्धित समस्त जानकारी प्राप्त कर जिम्मेदार जागरूक नागरिक होने के नाते मैंने इस रोड में में हुए भारी भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में दिनांक 15.12.2016 को भोपाल जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था, जिसकी लगातार सुनवाई होने के पश्चात दिनांक 15.09. 2022 को माननीय न्यायालय द्वारा समस्त दस्तावेजों का परीशील करने के पश्चात उक्त मामले में उस समय पदस्य रहे पी.डब्ल्यू.डी. के अधिकारियों घनश्याम सक्सेना सद-इंजीनियर ए.ए. गौरी, एस.डी.ओ. कार्यपालन यंत्री वी.के. आरख एवं संजय खाण्डे कार्यपालन यंत्री के विरुद्ध संज्ञान लिया जाकर मामला भा.द.वि. की धारा 166, 167, 420, 467, 468, 471, 120बी के अन्तर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया।

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