IMF की फंडिंग के लिए हाथ-पैर मार रहा पाकिस्तान, सप्लमेंट्री बजट पेश; GST बढ़ाने का ऐलान

 नई दिल्ली
  पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बुधवार को पाक संसद (नेशनल असेंबली) में अनुपूरक वित्त विधेयक 2023 यानी मिनी बजट पेश किया। ताकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा निर्धारित 6.5 अरब डॉलर के कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा किया जा सके। इससे पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ सरकार द्वारा भेजे गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।

IMF की शर्तों को मानते हुए और अधिक पैसे जुटाने के मकसद से वित्त मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 17 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है। पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सप्लीमेंट्री बजट के माध्यम से शरीफ सरकार ने जुलाई में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त राजस्व में 170 अरब रुपये ($639 मिलियन) जुटाने के प्रयासों के तहत वस्तु एवं सेवा कर को 17% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव किया है। मिनी बजट में विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत फर्स्ट क्लास और बिजनेस क्लास की हवाई यात्रा, सिगरेट सहित अन्य चीजों पर कर बोझ बढ़ाने का प्रस्ताव है।

हालांकि, वित्त मंत्री इशाक डार ने संसद में पेश बजट में बढ़ती मुद्रास्फीति के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए गेहूं,चावल,दूध और मांस जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी वृद्धि से छूट का प्रस्ताव दिया है।

अखबार के मुताबिक, सत्र को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री डार ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में सत्ता में आने कुछ महीनों बाद ही शरीफ सरकार ने बाढ़ से उपजे हालात का बखूबी प्रबंधन किया। इससे देश को अनुमानित रूप से 8,000 अरब रुपये का नुकसान हुआ।

डार ने नेशनल असेंबली को बताया कि बढ़ती महंगाई के प्रभाव से समाज के दबे-कुचले वर्गों को बचाने के लिए सरकार ने बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम (BISP) के बजट में 40 अरब रुपये की वृद्धि का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, "सरकार ने BISP बजट को 360 अरब रुपये से बढ़ाकर 400 अरब रुपये करने का प्रस्ताव किया है। ताकि BISP लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए 40 अरब रुपये अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जा सके।"

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