142 गांवों में घुसा पानी, 33 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित; असम में आपदा बनी बाढ़

कोलकाता

असम में नदियां उफान पर है और राज्य में बाढ़ की स्थिति चिंता बढ़ा रही है। असम के विभिन्न हिस्सों में झमाझम बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। नतीजतन, कई शहर, गांव और जमीन जलमग्न हो गए हैं। असम आपदा प्रतिक्रिया बल के अनुसार, 33,400 से अधिक निवासी प्रभावित हुए हैं साथ ही 142 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मौसम विभाग ने बाढ़ की स्थिति को लेकर अलर्ट जारी कर दिया। असम में बारिश और बाढ़ को लेकर रेड अलर्ट जारी है। पूर्वोत्तर राज्य में अगले गुरुवार तक भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जारी किया गया है। गुवाहाटी मौसम विभाग ने भी रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में कोकराझार, चिरांग, बक्सा, बरपेटा, बंगाईगांव इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। उस अवधि के दौरान धुबरी, कामरूप, नलबाड़ी, दीमा हसाओ, कछार, गोलपारा और करीमगंज जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।

असम प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक कछार, दारंग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, होजई, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी, तिनसुकिया, उदलगुरी जिले बाढ़ की स्थिति से प्रभावित हुए हैं। लखीमपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। वहां के 25 हजार से ज्यादा निवासी प्रभावित हुए। डिब्रूगढ़ के 3,800 से अधिक निवासी प्रभावित हुए हैं। तिनसुकिया में 2,700 से अधिक निवासी प्रभावित हुए हैं। उस राज्य में 1510.98 हेक्टेयर भूमि को नुकसान हुआ है। दीमा हसाओ, करीमगंज क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से स्थिति खराब हो गई है।

खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां
रहाट जिले के निमतिघाट में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, कामपुर (नागांव) में कोपिली और कामरूप जिले के पुथिमारी में भी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र सहित कई अन्य नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। पिछले कुछ दिनों से समूचे राज्य में लगातार बारिश हो रही है। इसके कारण बाढ़ की पहली लहर आई है और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।

 

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