अगर अजित और बागियों ने वापसी की कोशिश की तो? क्या था शरद पवार का रिएक्शन

नई दिल्ली
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने रविवार को संकेत दिया कि उनकी इच्छा एनसीपी के बागी नेताओं को वापस लेने की नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी को नए चेहरों का समर्थन करना चाहिए। वह मुंबई के वाई बी चव्हाण सेंटर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। जुलाई में एनसीपी को तब बड़ा झटका लगा था जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावत कर दी थी। इसके साथ ही आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और भाजपा की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। पवार ने कहा, ‘कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि अगर जो लोग सरकार में शामिल हो गए हैं वे वापस आने का प्रयास करें तो क्या करना चाहिए। हम इस बारे में कोई फैसला नहीं लेने जा रहे हैं। पार्टी के भीतर एक राय है कि जो नए हैं, उन्हें चुनाव से पहले समर्थन दिया जाना चाहिए।’

एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से कहा था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है और सिर्फ कुछ ‘शरारती’ लोग अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं। उनका इशारा बागी समूह की ओर था। पवार ने अपनी पार्टी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आरोपों का जिक्र करते हुए उन पर भी कटाक्ष किया।

एनसीपी विधायकों ने शरद पवार को पत्र लिखा था : अजित पवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को दावा किया कि जब उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने वाली थी, तब लगभग सभी एनसीपी विधायकों ने पार्टी प्रमुख (शरद पवार) को पत्र लिखकर (भाजपा को समर्थन देकर) सरकार में शामिल होने के लिए कहा था।

अजित पवार ने कोल्हापुर में एक रैली में कहा,‘जब उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने वाली थी, तब लगभग सभी एनसीपी विधायकों ने पार्टी प्रमुख (शरद पवार) को पत्र लिखकर (भाजपा को समर्थन देकर) सरकार में शामिल होने के लिए कहा था।’ उन्होंने कहा, ‘अगर यह (उन्होंने जो कहा है) गलत है तो मैं तुरंत सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लूंगा। अगर मेरा दावा सही है तो झूठ फैलाने वालों को संन्यास ले लेना चाहिए।’ उन्होंने दावा किया,‘हम इस बात का सम्मान करते हैं कि लोकतंत्र में लोगों को असहमति व्यक्त करने का अधिकार है। हम लोगों के मुद्दों को हल करने के लिए सत्ता में हैं।’

 

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