‘सामान्य’ लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी में चुनाव आयोग

  नई दिल्ली 
जहां एक तरफ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग से पत्र लिखकर कहा है कि देश हर वक्त चुनाव के मोड में नहीं रह सकता है। वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग का ध्यान सिर्फ अप्रैल-मई 2019 में होने वाले आम चुनाव और उस दौरान पड़ने वाले 5 राज्यों के चुनाव पर है। पोल पैनल ने लोक सभा चुनाव और पांच राज्यों के चुनाव के मुताबिक, 17.4 लाख वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) यूनिट, 13.95 लाख बैलट यूनिट और 9.3 लाख कंट्रोल यूनिट ऑर्डर की हैं। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, सिक्किम, ओडिशा, और अरुणाचल प्रदेश हैं।  
 

बैलट और ईवीएम की कंट्रोल यूनिट दो पीएसयू मैन्युफैक्चरर्स- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) द्वारा सितंबर 2018 तक डिलीवर की जानी हैं, वहीं वीवीपैट यूनिट तय समय से थोड़ा पीछे हैं, इनकी डिलीवरी नवंबर तक होने की उम्मीद है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, यदि लोकसभा और कई राज्यों में चुनाव एकसाथ होते हैं तो 34 लाख बैलट यूनिट, 26 लाख कंट्रोल यूनिट और 27 लाख वीवीपैट मशीनों की जरूरत होगी। 

पोल पैनल लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के मुताबिक अतिरिक्त ईवीएम और वीवीपैट यूनिट के ऑर्डर तभी कर सकती है, जब संबंधित कानून में पारिवर्तन किया जाए और संविधान में मुताबिक संशोधन भी हों। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कमीशन साथ चुनाव कराने के लिए अचानक से अतिरिक्त मशीनों का ऑर्डर नहीं दे सकता है, इसके लिए लीगल फ्रेमवर्क की जरूरत होगी। दूसरे शब्दों में कहें तो कानूनी तौर पर एक साथ चुनाव को मान्यता मिलने तक चुनाव आयोग कोई अतिरिक्त मशीन का ऑर्डर नहीं दे सकता है। 
 

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