भारत में लोकसभा चुनाव के लिए ग्लोबल लेवल पर एक्टिव हुआ फेसबुक

 नई दिल्ली 
फेसबुक भारत में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दुनियाभर में अपनी टीमों को मजबूत बनाने में जुटी है। अमेरिका में प्रेसिडेंशल इलेक्शन को प्रभावित करने का 'आरोप' झेल रही सोशल नेटवर्किंग फर्म का यह कदम उसकी सबसे बड़ी स्ट्रैटेजिक लॉन्चिंग में एक होने वाला है। फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग और दूसरे बड़े लीडर्स की नजरें लोकसभा चुनाव पर रहेंगी। यह दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में होनेवाला सबसे बड़ा चुनाव है, जिसमें 75 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं की भागीदारी होगी। 
 

इंडिया में टॉप पोजिशन होल्ड करने वाले फेसबुक के एग्जिक्यूटिव्स के साथ कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क वाले हेडक्वॉर्टर के सैकड़ों एंप्लॉयीज लोकसभा चुनाव पर काम करेंगे। फेसबुक की डायरेक्टर, ग्लोबल पॉलिसी ऐंड गवर्नमेंट आउटरीच केटी हार्बट ने ईटी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, 'भारत के चुनाव हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाले हैं। मार्क पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और अगर हमें कुछ बताने लायक मिलता है तो हम उन्हें बताते हैं। इस काम में शेरिल भी लगी हैं।' 

फेसबुक के वॉशिंगटन ऑफिस में पोस्टेड हार्बट कंपनी के दुनियाभर में होनेवाले चुनावी कार्यक्रमों को लीड करती हैं। वह पिछले हफ्ते इंडिया में थीं और चुनाव की तैयारी के लिए वह कंपनी के अंदर और बाहर के लोगों से मिल रही थीं। भारत का चुनाव कैंब्रिज एनालिटिका (CA) स्कैंडल के मार्च में हुए खुलासे के बाद फेसबुक के लिए सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। फेसबुक पर 2016 में अमेरिका के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन और दूसरे चुनावों को प्रभावित करने का 'इल्जाम' लगा था। कंपनी खासतौर पर अमेरिका में 8.7 करोड़ यूजर्स के डेटा के गैरकानूनी इस्तेमाल और इंडिया में 5.6 लाख वोटर्स के डेटा हार्वेस्टिंग की भी आरोपी है। 

CA स्कैंडल के बाद फेसबुक में क्या बदलाव आया? इस बाबत पूछे जाने पर हार्बट ने कहा, 'पिछले पांच साल में चुनावों और फेसबुक के मायने काफी बदल गए हैं। हमारी कोशिश होती है कि कैसे हम चुनावों की विश्वसनीयता के लिए पैदा होने वाले खतरों को टाल सकें और उसकी विश्वसनीयता कायम रख सकें। हमारा यह काम चुनाव में जनता की भागीदारी के लिए पॉजिटिव हो सकता है। इस काम में हम यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि लोगों को अपनी राय रखने का मौका मिले।' 

फेसबुक पॉलिटिकल पार्टियों और कैंडिडेट के साथ काम करने वालों से लेकर प्लेटफॉर्म के एडवर्टाइजर तक से डील करने वाली टीमों को एकजुट करेगी। उन्हें बताया जाएगा कि कैसे फेसबुक लाइव को यूज किया जाए, प्रोफाइल तैयार की जाए, कैसे पासवर्ड मजबूत होंगे। उन्हें फेसबुक पर पेज बनाने और वीडियो लगाने जैसे काम के बारे में भी बताया जाएगा। उनके साथ न्यूज ऑर्गनाइजेशंस के साथ काम करने वाली मीडिया टीम के अलावा चुनाव की विश्वसनीयता और चुनाव में जनता की भागीदारी के नजरिए से प्रॉडक्ट्स बनाने वाली प्रॉडक्ट टीम भी होगी। 
 

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