छत्तीसगढ़ के पांच जिलों में मिलीं लाइम स्टोन की नई खदानें

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में लाइम स्टोन की पांच नई खदानों की तलाश की गई है। ये खदानें पांच जिलों में हैं और इनकी कुल उत्पादन क्षमता करीब 500 मिलियन टन है। वर्ष 2017-18 में जियोलॉजिकल सर्वे के दौरान इन खदानों का पता चला। भौमिकी और खनिकर्म संचालनालय अब इन खदानों के ई ऑक्शन की तैयारी कर रहा है।

लाइम स्टोन जिसे वैज्ञानिक भाषा में कैलशियम कार्बोनेट भी कहते हैं, सीमेंट उद्योग का प्रमुख कच्चा माल है। छत्तीसगढ़ में सीमेंट उद्योग का तेजी से विकास हो रहा है। यहां सीमेंट के सभी बड़े ब्रांड पहले से मौजूद हैं। प्रदेश में सीमेंट की 10 बड़ी कंपनियों के अलावा कई छोटी फैक्ट्रियां भी हैं। अब नई खदानों के मिलने से सीमेंट उद्योग के लिए नए स्थलों की पहचान पूरी हो गई है।

इन जिलों में मिली खदानें

खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लाइम स्टोन की पांच नई खदानें बस्तर, जांजगीर चांपा, रायपुर, बलौदाबाजार और रायगढ़ जिलों में मिली हैं। इन खदानों की नीलामी की तैयारी की जा रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने कोयला के अलावा अन्य खनिजों का भी ई ऑक्शन शुरू किया है।

करही चांदी में पहले लाइम स्टोन ब्लॉक का ई ऑक्शन फरवरी 2016 में किया गया था। यह देश के नान कोल मिनरल का पहला ऑक्शन था। 2015 में प्रदेश सरकार ने माइन्स एंड मिनरल्स एक्ट बनाया।

इस कानून के तहत अब तक चार लाइम स्टोन ब्लॉक की नीलामी की गई है। नई खदानों के अनुसार नए सीमेंट प्लांट की संभावना तलाशी जा रही है। प्रदेश में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के कई प्रस्ताव पहले से पड़े हुए हैं। जल्द ही कई जिलों में और प्लांट लग सकते हैं।

कुल उत्पादन में प्रदेश का हिस्सा 4.84 फीसद-

देश में कुल लाइम स्टोन के उत्पादन में छत्तीसगढ़ का हिस्सा वर्तमान में 4.84 फीसद है। प्रदेश में 8959 मीट्रिक टन के लाइम स्टोन की खदानें हैं। ज्यादातर खदानें हाइ ग्रेड लाइम स्टोन की हैं।

ये खदानें रायपुर, बलौदाबाजार, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, कवर्धा, जांजगीर चांपा, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, बस्तर और सुकमा जिलों में मौजूद हैं। प्रदेश में 201-18 में 246.93 करोड़ रूपये मूल्य का लाइम स्टोन का उत्पादन किया गया।

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