पटियाला रैली के लिए मैदान में उतरे बड़े बादल,कैप्टन ने लगाई पूरी ताकत

चंडीगढ़
पंजाब के इतिहास में 7 अक्तूबर का दिन कांग्रेसीतथा अकालियों के लिए खास माना जा रहा है। यहां एक तरफ 91 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का मुकाबला करने के लिए मैदान में उतरेंगे। वहीं कैप्टन ने भी रैली के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। दोनों नेता पटियाला और लंबी में एक -दूसरे खिलाफ ताल ठोकेंगे।

लाखों की भीड़ जुटाने का दावा
7 अक्तूबर की लंबी रैली के लिए कांग्रेस जहां 1.5 लाख से ज्यादा भीड़ जुटाने का दावा कर रही है। वहीं पंथक राजनीति करने वाले अकाली दल ने पूरे पंजाब में से अपने समर्थकों को पटियाला बुलाया है। अकाली दल को भीड़ इकट्ठी करने के लिए प्रकाश सिंह बादल को मैदान में उतारना पड़ा है, जबकि कैप्टन ने अपनी आधी से ज्यादा कैबिनेट को मालवा में उतार दिया है। 

पंजाब की राजनीति के लिए नाजुक मोड़
कांग्रेस ने बेअदबी तथा बहिबलकलां गोलीकांड को मुख्य रखते हुए अपना पूरा फोकस पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर रखा है। बादल भी इस बात को अच्छी तरह समझ रहे हैं कि पंजाब की राजनीति में यह बेहद नाजुक मोड़ है। कांग्रेस की नीति यही है कि बादलों को किसी भी तरह पंथ विरोधी साबित किया जाए।

 
इन्हें रैलियों का केंद्र बिंदु पंथक राजनीति होगी। वहीं पंथ के लिए एक अन्य पार्टी मैदान में उतरेगी।  'आप'नेता सुखपाल खैहरा के नेतृत्व में कोटकपूरा से बरगाड़ी तक रोष मार्च भी 7 अक्तूबर को ही निकाला जाएगा। दावा किया जा रहा है कि इस रोश मार्च में सिख संगठन काफी संख्या में पहुंचेगें। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व पांच प्यारों ने भी एक हुक्म जारी करके सिख संगत को बरगाड़ी मार्च में पहुंचने के लिए कहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button