बिहार में सीट बंटवारे पर BJP और JDU में बनी सहमति, जल्द घोषणा

 पटना 
बिहार में नैशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) 2019 लोकसभा चुनाव के लिए अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के फॉर्म्युले को करीब आखिरी रूप दे चुका है। सोमवार को पितृ पक्ष खत्म होने के बाद इसकी घोषणा की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निकट भविष्य में प्रदेश का दौरा शुरू करने का कोई मन नहीं है। उनकी पार्टी जेडीयू जमीनी स्तर पर अपना आधार मजबूत करने पर फोकस करना शुरू चुकी है। जेडीयू पिछड़े वर्ग की अधिकतर जातियों को संगठित करने की कोशिश के अलावा अभी अनुसूचित जाति के अपने कार्यकर्ताओं के साथ जिला स्तर की बैठक कर रही है। 
 
नीतीश ने सितंबर में प्रदेश कार्यकारी समिति की बैठक में इस बात का संकेत दिया था कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ सीट बंटवारे के सम्मानजनक समझौते पर पहुंच चुकी है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर जेडीयू के एक सूत्र ने बताया, 'मुख्यमंत्री लगातार बीजेपी के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं। प्रदेश स्तर पर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच अच्छा तालमेल है।' 

बिहार के एनडीए में फिलहाल 4 पार्टियां- बीजेपी, जेडीयू, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की अगुवाई वाली एलजेपी और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी शामिल हैं। जुलाई 2017 में नीतीश महागठबंधन को छोड़कर वापस एनडीए के खेमे में आ गए थे। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा कि अलायंस काफी अच्छे ढंग से काम कर रहा है। झा ने कहा, 'हमारा गठबंधन बहुत अच्छे तरीके से चल रहा है। सरकार बिना किसी समस्या के सुचारू रूप से काम कर रही है। जहां तक 2019 लोकसभा चुनाव की बात है तो सीट बंटवारे के मसले पर सहमति बन गई है। सही मौके पर इसकी घोषणा की जाएगी।' 

…तो इन पार्टियों के हिस्सों की सीटें जाएंगी 
जेडीयू के एनडीए खेमे में होने से बीजेपी, एलजेपी और आरएलएसपी जैसे एनडीए के भागीदारों को अपने हिस्से की सीटों का बलिदान करने की जरूरत पड़ेगी। जेडीयू सूत्र ने बताया, बीजेपी ने अपना पक्ष साफ कर दिया है कि बिहार में जेडीयू उसकी सबसे अहम सहयोगी है। बीजेपी नेतृत्व एनडीए खेमे में बिहार के मुख्यमंत्री का सम्मान सुनिश्चित करना चाहता है। इसलिए वह अपनी कुछ सीटें छोड़ने के लिए तैयार है और उसे अपने दूसरे सहयोगियों से भी ऐसी ही उम्मीद है।' बता दें कि अभी बीजेपी, एलजेपी और आरएलएसपी के पास क्रमश: 22, 6 और 3 सीटें हैं। जेडीयू 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा नहीं थी। 
 

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