प्राइस वॉर खत्म होने की ओर, अगले छह महीने में टैरिफ बढ़ा सकती हैं टेलिकॉम कंपनियां

 कोलकाता 
टेलिकॉम सेक्टर में उथल-पुथल का दौर खत्म होता दिख रहा है। पिछली तीन तिमाहियों से ज्यादातर टैरिफ प्लान में बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स और इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स का मानना है कि अगले दो महीनों में टैरिफ में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे टेलिकॉम कन्ज्यूमर्स के लिए पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से चले आ रहे सस्ते टैरिफ का दौर खत्म हो जाएगा।  
 
एग्जिक्युटिव्स का कहना है कि आने वाली दो तिमाहियों में कंपनियां मार्केट रिएक्शन देखने के लिए टैरिफ में कुछ बढ़ोतरी कर सकती हैं। हालांकि, इसमें अच्छी-खासी बढ़ोतरी 6 महीने बाद ही दिखेगी। उनका कहना है कि प्राइसिंग में रिलायंस जियो इन्फोकॉम का रोल सबसे बड़ा होगा। जियो की वजह से ही टैरिफ में इतनी कमी आई है। 

उसने सितंबर 2016 में मार्केट में एंट्री करने के बाद आक्रामक प्राइसिंग स्ट्रैटिजी अपनाई हुई है। इसके चलते दूसरी कंपनियों को कस्टमर्स को साथ बनाए रखने के लिए प्राइस घटाने पर मजबूर होना पड़ा। इसके साथ ही जियो यूजर्स को फ्री वॉयस सर्विस ऑफर कर रही है। उसके सस्ते प्लान के चलते डेटा की खपत बढ़ी है। उसके ऑफर से सब्सक्राइबर्स को तो फायदा हुआ, लेकिन देश की पुरानी टेलिकॉम कंपनियों की हालत खराब हो गई है। कई छोटी कंपनियां इस प्राइस वॉर की बराबरी नहीं कर पाईं और उन्हें बाजार से बाहर होना पड़ा। वहीं, कई छोटी कंपनियां बड़ी कंपनियों के साथ मिल गईं। 

विश्लेषकों ने बताया कि जियो के अलावा मार्केट में अब सिर्फ दो बड़ी प्राइवेट कंपनियां- एयरटेल और वोडाफोन आइडिया बची हैं। इसलिए टैरिफ बढ़ाने का माहौल बन रहा है। वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और जियो ने इस खबर के लिए ईटी के ईमेल से पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। 

रुपये में कमजोरी और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से कंपनियों की लागत बढ़ी है। टेलिकॉम सेक्टर पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा था। इससे उसकी हालत और खराब हो गई है। ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल में मार्केट ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स के एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट संजीव भसीन ने बताया, 'मोबाइल कंज्यूमर्स के लिए मुफ्त के दिन अब खत्म होने वाले हैं। रुपये में कमजोरी से टेलिकॉम कंपनियों का बोझ बढ़ा है। इसलिए आने वाली दो तिमाहियों में टैरिफ में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है।' उन्होंने कहा कि कीमतों में असल बढ़ोतरी 'अप्रैल 2019 के बाद' हो सकती है। 

भसीन ने कहा कि जियो की एंट्री के बाद ज्यादातर टैरिफ में डेटा, वॉयस और मैसेज के बंडल ऑफर किए जा रहे थे। टेलिकॉम कंपनियां अब इसके लिए अलग-अलग टैरिफ तय कर सकती हैं। वे आमदनी बढ़ाने के लिए मंथली बंडल प्लान के रेट्स भी बढ़ा सकती हैं। 
 

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