घर बैठे मिलेगा अपॉइंटमेंट, बिना लाइन ओपीडी में सीधे दिखा सकेंगे मरीज

लखनऊ 
उत्तर प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों और कानपुर के दो चिकित्सा संस्थानों की ओपीडी में मरीजों को दिखाने और रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन नहीं लगानी होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने शनिवार को इनमें ई-हॉस्पिटल सेवा की शुरुआत कर दी। अब मरीज घर बैठे अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। उस समय मरीज को ओपीडी का समय भी मिल जाएगा। नियत समय में जाकर मरीज खुद को दिखा सकेगा। जिन 6 मेडिकल कॉलेजों में ई-हॉस्पिटल सेवा शुरू की गई है, उनमें इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर, झांसी और कानपुर मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा कानपुर के एलपीएस इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियॉलजी और जेके संस्थान में भी इस सेवा को शुरू किया गया है। इन अस्पतालों की ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी वॉर्ड, आईसीयू और ओटी को भी ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। 
 
मरीजों के रेकॉर्ड भी होंगे ऑनलाइन 
ई-हॉस्पिटल सेवा से मरीजों को ऑनलाइन अपॉइंटमेंट तो मिलेगा ही, साथ ही मरीजों का ऑनलाइन रेकॉर्ड कम्प्यूटर पर मौजूद होगा। अगर किसी दूसरे अस्पताल के डॉक्टर को मरीज रिफर किया जाता है। तो उस अस्पताल का डॉक्टर भी ऑनलाइन रिपोर्ट देख सकेगा। अगर किसी दूसरे अस्पताल में मरीज को दिखाना होगा, तो वह सिर्फ अपना यूआईडी नंबर बताकर डॉक्टर को दिखा सकेगा। मरीज की सभी रिपोर्ट डॉक्टर ऑनलाइन यूआईडी नंबर डालकर देख सकेगा। सरकार का दावा है कि इस सेवा से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी फायदा होगा। अगर पहले उनकी कोई केस हिस्ट्री होगी तो डॉक्टर उसे ऑनलाइन देख सकेंगे। 

ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन 
मरीज ors.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीजों को ऑनलाइन ही अपॉइंटमेंट मिल जाएगा। जिस समय का अपॉइंटमेंट मिला होगा। उस समय अस्पताल जाकर एक रुपये जमाकर डॉक्टर को दिखा सकता है। मरीज को वैरिफाई करने के लिए कोई आईडी कार्ड दिखाना होगा। फीस जमा करने के लिए अस्पतालों में स्पेशल काउंटर होगा। 

75 प्रतिशत से भी कम की गई लागत 
ई-हॉस्पिटल सेवा के उद‌्घाटन के दौरान प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि पहले एक हॉस्पिटल में प्रणाली लागू करने के लिए 20 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा था। मगर इस बजट को कम करके 8 अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल का काम 41 करोड़ रुपये में पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सिस्टम के लिए 150 किलोमीटर से ज्यादा अंडरग्राउंड ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया। साथ ही 490 से ज्यादा कंप्यूटर और 299 प्रिंटर खरीदे गए। 

दिखावा बनकर रह गया केजीएमयू में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट 
केजीएमयू में डॉक्टरों को दिखाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की व्यवस्था है लेकिन इसका प्रयोग न के बराबर है। इस सुविधा की जानकारी नहीं होने की वजह से यह दिखावा बनकर रह गई है। केजीएमयू आईटी सेल प्रभारी डॉ़ संदीप भट्टाचार्य के मुताबिक ors.gov.in पर जाकर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया जा सकता है। सर्वर की दिक्कत और जानकारी का अभाव होने की वजह से लोग इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। 

चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा, 'यह एक क्रांतिकारी व्यवस्था है। इससे मरीजों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही रोगी की बीमारियों और उसके इलाज में दी जा रही औषधियों का डेटा तैयार हो सकेगा। जिसका इस्तेमाल मेडिकल के छात्र रिसर्च में भी कर सकेंगे।' 
 

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