संघ का BJP को निर्देश- MP के 70 मौजूदा विधायकों को फिर न मिले टिकट
भोपाल
मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी काफी बढ़ गई है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के सामने एंटी इंकमबेंसी बड़ी चुनौती है. इसका सामना करने के लिए बीजेपी 70 वर्तमान विधायकों के टिकट काट सकती है. सूत्रों ने बताया कि आरएसएस ने जमीनी स्तर पर कराए गए सर्वे के बाद बीजेपी को यह कदम उठाने को कहा है. ऐसे में यह फैसला तय माना जा रहा है.
संघ के सर्वे में बताया गया है कि कई विधायकों की हालत काफी कमजोर है. वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में पकड़ खो चुके हैं. इसके चलते आशंका है कि वे शायद ही फिर से जीत दर्ज कर पाए.
माना जा रहा है कि संघ ने इस बात की जानकारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को दे दी है. सोमवार को शाह आरएसएस कार्यालय समिधा गए थे. यहीं पर आरएसएस प्रचारकों के साथ उनकी बंद दरवाजों के पीछे गहनता से बातचीत हुई.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर बुधवार को बीजेपी की हाई लेवल बैठक के दौरान भी इस मसले पर काफी देर तक माथापच्ची हुई. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महासचिव राम लाल और कई बड़े नेता मौजूद थे. पार्टी आलाकमान ने यह साफ कर दिया कि जीतने के अलावा टिकट का कोई और क्राइटेरिया नहीं होगा.
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने पार्टी के रूख को दोहराया. उन्होंने कहा, 'पार्टी केवल उन्हीं के नाम पर विचार करेगी जिनके जीत सकते हैं.' सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि कोर्ट के फैसले से पहले किसी भी उम्मीदवार को दागी नहीं माना जाएगा.
सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक कल्याण समाज (सपाक्स) के चलते भी बीजेपी विधायकों की हालत काफी नाजुक है. यह संगठन एससी/एसटी एक्ट को लेकर बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहा है.
2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 230 में से 165 सीट जीती थी. कांग्रेस को केवल 58 सीट से संतोष करना पड़ा था. राज्य में 28 नवंबर को चुनाव होने हैं और नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे.