H1N1, एड्स, 2008 मंदी पर अमेरिका की जवाबदेही तय नहीं की गई तो फिर हमसे सवाल क्यों: चीन

पेइचिंग 
कोरोना वायरस को लेकर छिड़ी जुबानी जंग के बीच चीन ने अमेरिका पर जोरदार प्रहार किया है। चीन ने पूछा कि जब एचआईवी और एन1एन1 वायरस का केंद्र अमेरिका के रहने के बावजूद उसपर कोई दंड नहीं लगाया गया तो फिर कोरोना संकट में हमारे खिलाफ कार्रवाई की मांग क्यों हो रही है? दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को आगाह किया है कि अगर यह पाया गया कि वह कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलाने का जिम्मेदार है और उसे इसके बारे में जानकारी थी तो उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे। 

H191, HIV पर US से क्यों नहीं मांगा मुआवजा 
चीनी विदेश मंत्रालय ने इसपर जवाब दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, '2009 में एच1एन1 फ्लू की शुरुआत हुई और वह दुनिया के 214 देशों व क्षेत्रों में फैला, इससे दुनिया में कोई 2 लाख लोगों की जान गई। क्या किसी ने अमेरिका से मुआवजे की मांग की?' वह यहीं नहीं रुके 80 के दशक में फैले एचआईवी को लेकर भी अमेरिका पर निशाना साधा और कहा, 'एड्स की खोज सबसे पहले 1980 के दशक में अमेरिका में हुई थी और पूरी दुनिया में फैली। जिससे पूरी दुनिया में चिंता बढ़ गई। क्या किसी ने अमेरिका को जवाबदेह ठहराया?' दिसंबर में कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद ही ट्रंप ने उसे चीनी वायरस बुलाना शुरू किया था और आरोप लगाए थे कि उसने वायरस को लेकर दुनिया से सच छुपाया। वहीं, जब अमेरिका में भयावह स्थिति पैदा हुई तो विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन की जवाबदेही तय किए जाने की मांग की। 

2008 की मंदी पर भी अमेरिका को लपेटा 
चीनी विदेश मंत्रालय यहीं नहीं रुका इसने 2008 की वैश्विक मंदी के लिए भी अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए उसपर गंभीर संवाल किए। प्रवक्ता ने कहा, 'प्रवक्ता ने नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रफेसर किशोर महबूबानी के एक वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका में लीमैन ब्रदर्स के गिरने से 2008 में वैश्विक आर्थिक संकट पैदा हुआ, लेकिन किसी ने अमेरिका से नहीं कहा कि आपको इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। 

चीन से पहले WHO को धमका चुका है अमेरिका 
ट्रंप ने शनिवार आरोप लगाया कि चीन ने अमेरिका के साथ गैर-पारदर्शी व्यवहार किया गया और शुरुआत में उसके साथ सहयोग नहीं किया गया। ट्रंप ने कहा, 'अगर वे जानबूझकर इसे फैलाने के जिम्मेदार पाए गए तो इसके परिणाम भुगतने होंगे। आप इसके बारे में बात कर हैं, आप जानते हैं, शायद 1917 के बाद किसी ने इतने बड़े पैमाने पर लोगों को मरते हुए नहीं देखा।' वहीं, अमेरिकी मीडिया में ऐसा दावा किया गया था कि वायरस ऐनिमल मार्केट से नहीं बल्कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से फैला है जिसके बाद ट्रंप ने कहा कि वह इन खबरों को गौर से देख रहे हैं और ओबामा के कार्यकाल में शुरू किया गया इस इंस्टिट्यूट के फंड को जल्द बंद कर दिया जाएगा। ट्रंप ने इससे पहले डब्ल्यूएचओ पर भी गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया था और यहां तक कि हर साल दिए जाने वाले 40 करोड़ के फंड पर भी रोक लगा दी। 

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