आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे यूज करते दिखे पर्सनल एयर सैनिटाइजर

नई दिल्‍ली
कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय सेना के मुख‍िया जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लगातार अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में वह यूपी से लेकर असम तक जा चुके हैं। गुरुवार को जब वह असम के तेजपुर में थे तो उनकी वर्दी के साथ एक खास चीज लगी हुई थी। आईडी कार्ड या बैज जैसी दिखने वाली यह चीज असल में एक तरह की पर्सनल प्रोटेक्‍शन डिवाइस है जिसके बारे में दावा किया जाता है कि यह आसपास की हवा को डिसइन्‍फेक्‍ट करती है। कुछ महीनों पहले ऐसा ही एक डिवाइस कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी पहनते दिखते थे। 

अब आउट ऑफ स्‍टॉक हो गई डिवाइस
आर्मी चीफ जो पर्सनल एयर सैनिटाइजर यूज कर रहे हैं, वह एक अमेरिकी कंपनी ईकोशील्‍ड ने बनाया है। इस कंपनी का दावा है कि यह डिवाइस पहनने वाले की 3 फुट की रेडियस में मौजूद हवा को डिसइन्‍फेक्‍ट करती है। इस पाउच के दाम 20 डॉलर (करीब डेढ़ हजार रुपये) हैं। फिलहाल यह आउट ऑफ स्‍टॉक बता रहा है। कंपनी के मुताबिक, एक बार ऐक्टिवेट करने पर यह डिवाइजस 30 दिन तक क्‍लोरीन डाई-ऑक्‍साइड गैस छोड़ती है। ऐसी डिवाइस जापानी कंपनी कियोद जोचुगिकू भी बनाती है। उसने जून में भारत में अपने उत्‍पाद लॉन्‍च किए थे।

कितनी असरदार है ये डिवाइस?
क्‍लोरीन डाई-ऑक्‍साइड को बड़े पैमाने पर डिसइन्‍फेक्‍टेंट की तरह इस्‍तेमाल किया जाता है। यह पेपर इंडस्‍ट्री में ब्‍लीचिंग एजेंट की तरह यूज होती है तो अस्‍पतालों में डिसइन्‍फेक्‍टेंट की तरह। वहीं स्विमिंग पूल में इसे बायोसाइड (जीवाणुनाशक) की तरह यूज किया जाता है। जो कंपनियां ऐसे पाउच बनाती है, उनका दावा है कि इससे हवा से फैलने वाली बीमारियों जैसे- इन्‍फ्लुएंजा, सर्दी-खांसी, एलर्जी, एच1एन1, निमोनिया, टीबी से प्रोटेक्‍शन मिलती है। हालांकि कोविड-19 रोकने में यह डिवाइस कारगर है, ऐसा दावा किसी कंपनी ने नहीं किया है। शायद इसीलिए आर्मी चीफ इस डिवाइस के साथ मास्‍क भी यूज कर रहे हैं।
 

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