सुशील मोदी ने उठाये सवाल- क्या किसान आंदोलन को मिल रहा है विदेशी फंड? 

पटना 
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ट्वीट के जरिए दिल्ली से बिहार तक चल रहे आंदोलन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को भारत-विरोध की गलत दिशा में ले जाने के लिए विदेशी फंडिंग से चलने वाले लगभग 100 छोटे-बड़े संगठनों की संलिप्तता पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। कहा कि जेएनयू के वामपंथी छात्र, महाराष्ट्र का मछुआरा संघ, सीटू और एआईकेएस जैसे गैर किसान संगठनों की भागीदारी के बाद किसानों के मुद्दे पर बिहार को जाम करने की माकपा की धमकी का एनडीए कड़ा राजनीतिक प्रतिरोध करेगा।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि किसानों को स्थानीय मंडी और देश के खुले बाजार में कहीं भी सबसे अच्छे दाम पर फसल बेचने की आजादी देने वाले कृषि कानून को लेकर ज्यादातर चिंताएं निराधार या राजनीति प्रेरित हैं। केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा के किसानों की आशंका दूर करने में लगी है। उनके प्रतिनिधियों से सरकार का शीर्ष नेतृत्व जब पूरी गंभीरता और सहानुभूति से लगातार बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है, तब पुरस्कार वापसी से दबाव बनाने की कोशिश माहौल बिगाड़ कर टकराव बढाने की नीयत जाहिर करती है।

किसानों की मांग न मानी तो सड़क पर उतरेगी रालोसपा : उपेंद्र कुशवाहा
रालोसपा ने देश में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया है। पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर किसान विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की है। पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में पार्टी की दो दिवसीय समीक्षा बैठक में किसान आंदोलन के समर्थन का प्रस्ताव पास किया गया। कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार किसान, मजदूर और गरीब विरोधी है। कहा कि केंद्र सरकार यदि किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो रालोसपा इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगी। 

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