सब्जियों और दूध की सप्लाई हुई प्रभावित, किसानों का ‘गांव बंद’

नई दिल्ली 
किसानों के 10 दिनों के 'गांव बंद' के पहले दिन ही महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में किसान अपना विरोध दर्ज करवाने सड़क पर उतर आए। इस बंद के पहले दिन ही दूध और सब्जियों की सप्लाई पर खासा असर पड़ा और कुछ जगहों पर इनकी कीमत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान महासभा द्वारा बुलाया गया है। उनकी मांग है कि किसानों का कर्ज माफ किया जाए, इनकी फसल पर इन्हें एमएसपी मिले और दूध का दाम 50 रुपये प्रति लीटर हो। इसके साथ ही इनकी कई अन्य मांगे भी हैं। 
 

बंद के कारण महाराष्ट्र के नासिक ऐग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी में सब्जियां तो जरूर पहुंची लेकिन उनकी मात्रा काफी कम थी। इस बंद का असर देश के सबसे बड़े प्याज के होलसेल मार्केट पर भी देखने को मिला जहां रोज की तरह 1500 क्विंटल की जगह मात्र 300 क्विंटल प्याज पहुंचे क्योंकि बंद के कारण कई किसान मार्केट आए ही नहीं। 

 

वहीं राजस्थान में किसानों ने दूध और सब्जियां सप्लाई करने वाले ट्रक को रोककर प्रदर्शन किया। श्रीगंगानगर, जयपुर, सीकर आदि जगहों पर किसानों ने सड़कों और हाईवे पर दूध भी बहा दिया। जयपुर के चोमू में उन्होंने मार्केट को बंद कराने की भी कोशिश की। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करने के दौरान राष्ट्रीय किसान महासभा के सदस्य सतवीर सिंह ने कहा कि उत्तरी राजस्थान में बंद पूरी तरह सफल रहा। 

मध्यप्रदेश के भोपाल से 180 किलोमीटर दूर बेतूल के गांव में किसानों ने 100 लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया। सूत्रों का कहना है कि कुछ किसान दूध बेच रहे थे तभी वहां कुछ प्रदर्शनकारी आए और उन्हें दूध बहाने पर मजबूर कर दिया। पंजाब के जालंधर में दाओबा किसान संघर्ष समिती के बैनर तले किसान सब्जी मंडी और अन्य जगह गए और वहां जाकर किसानों को सब्जी, दूध और अन्य सामान 10 जून तक न लाने को कहा। 

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