नमो ऐप तय करेगा 2019 में सांसदों-विधायकों का भविष्य, PM ने जनता से मांगा फीडबैक

नई दिल्ली
अपने सांसदों और विधायकों के कामकाज का पीएम मोदी अब सीधे जनता से ही फीडबैक लेंगे. इस फीडबैक के आधार पर ही सांसदों और विधायकों का भविष्य तय होगा. यह काम पीएम मोदी नमो ऐप के जरिए करेंगे. यानी सांसदों-विधायकों और अपनी सरकार के काम-काज का खुद पीएम मोदी हिसाब ले रहे हैं.

नमो ऐप के जरिए पीएम मोदी ने विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से लोगों से फीडबैक मांगे हैं. अब अपने सांसदों और विधायकों के बारे में जनता सीधे पीएम को फीडबैक दे सकेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी ने राज्य और लोकसभा-विधानसभा में सबसे पॉपुलर बीजेपी नेता की भी जानकारी मांगी है.
 

माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में पीएम मोदी के इस सर्वे की बड़ी भूमिका होगी. इसके अलावा पीएम मोदी सरकारी योजनाओं और कार्यप्रणाली पर भी जनता से सीधे फीडबैक ले रहे हैं. इससे पहले 26 मई को सरकार के 4 साल के मौके पर पीएम मोदी ने जनता से सरकार के कामकाज की रेटिंग की फीडबैक ली थी.

 नमो ऐप में पूछे गए सवाल:

1. आप अपने सांसदों और विधायकों के काम-काज से कितने खुश हैं?

2. आपके राज्य और क्षेत्र में 3 सबसे पॉपुलर बीजेपी नेता कौन हैं?

3. केंद्र सरकार और जिन राज्यों में बीजेपी शासित सरकारें हैं, वहां की तीन पॉलिसी जो आपके क्षेत्र में सबसे ज्यादा चली.

4. क्या आपको लगता है कि सरकार के कामकाज में तेजी आई है?

 आम चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने जिस तरह सीधे जनता से अपने MP-MLA का रिपोर्ट कार्ड मांगा है, उससे साफ जाहिर है कि जनता की कसौटी पर जो खरा उतरेगा, उसे ही 2019 में फिर से मौका दिया जाएगा. इससे पहले भी पीएम मोदी समय-समय पर अपने सांसदों को जनता के बीच जाने के लिए कहते रहे हैं. इसी के चलते कुछ समय पहले कई नेता दलितों के घरों में खाना खा रहे थे. हालांकि इसमें भी कई विवाद हुए. अब नमो ऐप के जरिए मिले फीडबैक के आधार पर ही इन नेताओं का भविष्य तय होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने 17 जून 2017 को नमो ऐप लॉंन्च किया था. शुरुआत में सबको लगा कि इस ऐप से सरकार की उपलब्धियों, योजनाओं की जानकारी या प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की जानकारी ली जा सकती है. साथ ही इस ऐप के जरिए पीएम मोदी को सीधे संदेश भी दिया जा सकता है और सरकार के कामकाज के बारे में फीडबैक भी, लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पीएम मोदी इस ऐप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आम लोगों से सीधे संवाद भी कर सकते हैं. अब पीएम ने ऐप के जरिए ही सांसदों-विधायकों का फीडबैक भी मांग लिया.  

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