Idea और Vodafone के मर्जर के बाद ये हो सकता है नया नाम
नई दिल्ली
आइडिया सेल्युलर ने वोडाफोन के साथ विलय के बाद बनने वाली कंपनी को नया नाम देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ने कहा कि आइडिया ने वोडाफोन के साथ मर्जर के बाद नई कंपनी नाम ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ करने का प्रस्ताव रखा है। मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टैलीकॉम कंपनी होगी। इस प्रस्ताव पर शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेने के लिए आइडिया ने 26 जून को एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) बुलाने का ऐलान किया।
किसका हो सकता है, कितना हिस्सा
कंपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में दी गई जानकारी में बताया कि ईजीएम में कंपनी के नाम में बदलाव, नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स के माध्यम से लगभग 15 हजार करोड़ जुटाने पर विचार किया जाएगा। मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी में वोडाफोन के पास 45.1 फीसदी, आदित्य बिड़ला ग्रुप की 26 फीसदी और आइडिया के शेयरहोल्डर्स की 28.9 फीसदी हिस्सेदारी होगी। नई कंपनी के पास पहले दिन से ही 43 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स होंगे।
कर्ज का बोझ होगा कम
नियामकीय सूचना में कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी ने कहा है कि सभी नियामकीय मंजूरियां मिलने और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से नया सर्टिफिकेट मिलने के बाद पुराना नाम आइडिया सेल्युलर लिमिटेड के स्थान पर नया नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। आइडिया सेल्युलर पिछले कुछ महीन से धीरे-धीरे धन जुटाने में जुटी हुई है और विश्लेषकों के अनुसार आइडिया-वोडाफोन विलय के बाद बनने वाले नई इकाई को नया निवेश करने की जरूरत होगी और कर्ज का बोझ भी कम करना होगा। मार्च अंत तक दोनों कंपनियों पर संयुक्तरूप से 1,14,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।