सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापन का कार्य शीघ्र पूरा करें- कमिश्नर श्री सिंह

इन्दौर
कमिश्नर श्री राघवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज कमिश्नर कार्यालय सभाकक्ष में सरदार सरोवर बांध परियोजना के विस्थापन के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। कमिश्नर श्री सिंह ने इस अवसर पर कलेक्टर धार, बड़वानी, अलीराजपुर, खरगोन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सरदार सरोवर बांध परियोजना के विस्थापन का कार्य शीघ्रताशीघ्र पूरा करें तथा विस्थापितों को पहुंच मार्ग, स्ट्रीट लाइट, पेयजल, पशुओं के लिए पानी आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायें। गर्मी के मौसम में टैंकर से पानी उपलब्ध कराया जाये। बंद स्ट्रीट लाइट की रिपेयरिंग करायी जाय। अधूरे निर्माण कार्य शीघ्रतिशीघ्र पूरे किये जाय। संपर्क मार्ग का कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जाये। सभी अधिकारी सर्वाच्च न्यायालय के 8 फरवरी 2017 के आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।

कमिश्नर श्री सिंह ने कहा कि सरदार सरोवर का पानी 138 मीटर तक भरेगा। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इस भराव की तिथिवार जानकारी कमिश्नर एवं कलेक्टर कार्यालय को शीघ्र उपलब्ध कराये। चिखल्दा और निसरपुर में पुर्नवास कार्य में और अधिक गति लाकर शीघ्र पूरा करें। विस्थापितों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आये, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। विस्थापितों को सभी जरूरी अधोसंरचनाएं मिले और उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो, इस पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण की योजनाओं के अलावा विस्थापित ग्रामों में राज्यशासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाय। बेरोजगारों को स्वरोजगार योजना का लाभ और स्वसहायता समूहों को रोजगार से जोड़ा जाये। निसरपुर में बाजार और बस स्टैण्ड शीघ्रातिशीघ्र बनाया जाये। विस्थापितों को भवन निर्माण हेतु प्लाट देते समय जिला प्रशासन द्वारा प्लाट का समतलीकरण अनिवार्य रूप से किया जाये।

बैठक में नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि सरदार सरोवर बांध परियोजना से अलीराजपुर, कुक्षी, बड़वानी, मनावर, धरमपुरी, ठीकरी, कसरावद और महेश्वर के 178 ग्राम प्रभावित हुए हैं। 55 ग्राम कृषि क्षेत्र हैं, 6 ग्राम की केवल आबादी प्रभावित हुई है और 108 ग्रामों की कृषि और आबादी दोनो प्रभावित हुई है। अभी तक 23 हजार 612 विस्थापितों को लाभान्वित किया जा चुका है। विस्थापन का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। विस्थापितों को आवासीय भूखण्ड के अलावा 2 हजार से अधिक मकान बनाकर दिये गये हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रत्येक परिवार को 60 लाख रूपये मुआवजा दिया गया हैं। 92 प्रतिशत विस्थापितों को 60 लाख रूपये प्रति परिवार को प्रदान किया गया है।

बैठक में बताया गया कि डूब क्षेत्र में निवासरत वास्तविक रूप से विस्थापित हो रहे प्रत्येक परिवार को आवास निर्माण हेतु 5 लाख 80 हजार रूपये दिये जा रहे है। 4 हजार 791 हितग्राहियों को प्रथम किश्त के रूप में 3 लाख रूपये प्रदान किये जा चुके है। इसके अलावा 1434 हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु 2 लाख 80 हजार रूपये की दूसरी किश्त भी दी जा चुकी है। जिन परिवारों के पास आवासीय भूखण्ड नहीं थे, उन्हें आवासीय भूखण्ड भी दिये गये हैं। बड़वानी जिले में 345, धार जिले में 1576, खरगोन जिले में 7 और अलीराजपुर जिले में 9 विस्थापित परिवारों को भूखण्ड दिये गये हैं। डूब प्रभावित मंदिरों के लिए भी मुआवजा दिया गया है। बड़वानी में 244 और धार जिले में 139 डूब प्रभावित मंदिरों के लिए एसडीएम द्वारा मंदिर प्रबंधन समितियों के बैंक खातों में राशि जमा की गई है। मछुआरों का पंजीकरण किया गया है। कुम्हारों को चिन्हित कर व्यापार के लिए उन्हें अलग से जमीन आवंटित की गई है। नाविकों को चिन्हित कर घाट आरक्षित किये गये है।  

बैठक में कलेक्टर धार श्री दीपक सिंह, कलेक्टर बड़वानी श्री अमित तोमर, कलेक्टर खरगोन श्री शशिभूषण सिंह, कलेक्टर अलिराजपुर श्री गणेश शंकर मिश्रा तथा एनव्हीडीए के अधिकारीगण मौजूद थे। विस्थापित ग्राम कडमाल, निसरपुर, कोटेश्वर, अजन्दा, साकीरपुरा, चंदनखेड़ी, डेहर, किकरवास, धरमराय, कवठी, सोडलबाबा, मलवाड़ा, बोधवाड़ा, गोपालपुरा, खापरखेड़ा, बाजड़ीखेड़ा, गेहलगांव, करोदिया, गांगली, गेहलगांव, चिखल्दा आदि ग्रामों को पहुंच मार्ग से जोड़ा जा रहा है। अधिकांश कार्य 30 जून 2018 तक पूरा हो जाने की संभावना है। शेष कार्य की समयसीमा 31 मार्च 2019 तय की गयी है। सभी कार्यो के टेण्डर हो गये है। सभी कार्य 10 प्रतिशत से 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुके है। सभी निर्माण कार्य तेजी से पूरे किये जा रहे हैं।

 

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