कांग्रेस 3 राज्यों में जीत का फॉर्म्युला तलाशेगी हाथी के साथ

नई दिल्ली 
कांग्रेस और बीएसपी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव साथ लड़ सकते हैं। तीनों राज्यों में कांग्रेस बीएसपी को कुछ सीटें देने को सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने गठबंधन को अंतिम शक्ल देने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश में कमलनाथ, राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में पीएल पुनिया को दी है। गठबंधन का स्वरूप तय करने के बाद दोनों दलों के शीर्ष नेता इसका औपचारिक ऐलान कर सकते हैं। इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही गठबंधन की गाड़ी आगे बढ़ रही है। 
 
दरअसल, तीनों राज्यों में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। फिलहाल इन राज्यों में बीजेपी की सरकार है। कांग्रेस ने एक दिन पहले ही कर्नाटक में जेडीएस-बीएसपी के साथ 2019 आम चुनाव में गठबंधन करने का भी औपचारिक ऐलान किया है। अब तक तीनों राज्यों में कांग्रेस और बीएसपी अलग-अलग लड़ती रही है। इन राज्यों में बीएसपी कुछ सीटों पर मजबूती से लड़ती रही है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीएसपी के वोट कई सीटों पर जीतने वाली बीजेपी से ज्यादा थे। सूत्रों के अनुसार, अगर गठबंधन होगा तो इन राज्यों में विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में दोनों दल साथ लड़ेंगे। कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि मायावती के साथ रहने से न सिर्फ इन तीन राज्यों में दलित वोट उनके पक्ष में जा सकते हैं, बल्कि इस गठबंधन का असर दूसरे राज्यों में भी पड़ेगा। कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने संकेत दिया था कि वे आने वाले चुनावों में गठबंधन के साथ जाने को तैयार हैं। 

यूपी का रास्ता तीन राज्यों से गुजरेगा 
सूत्रों के अनुसार, आम चुनाव में यूपी में बीएसपी का कांग्रेस के साथ गठबंधन इन्हीं तीन राज्यों में होने वाले गठबंधन पर निर्भर रहेगा। यूपी में बीएसपी कांग्रेस के मुकाबले मजबूत पार्टी है। जाहिर है, पार्टी की कोशिश है कि वह कांग्रेस से इन तीन राज्यों में अपने लिए हिस्सा लेने के बाद ही यूपी में रिटर्न गिफ्ट दे। अभी राज्य में एसपी और बीएसपी के बीच ही गठबंधन की बात सामने आ रही है। वर्ष 2019 से पहले विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच पिछले दिनों बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साफ किया था कि वह तभी किसी गठबंधन का हिस्सा बनेगी, जब उनकी पार्टी को इसमें वाजिब हक मिलेगा। ऐसा उन्होंने तीन राज्यों में हिस्सा लेने की कवायद के तहत कहा था। कर्नाटक में भी जिस दिन चुनाव परिणाम आए, मायावती ने तुरंत कहा था कि अगर कांग्रेस साथ लड़ी होती तो बेहतर परिणाम आते। गौरतलब है कि हाल के दिनों में बीएसपी ने अपनी वर्षों की ‘एकला चलो’ रणनीति में बदलाव करते हुए गठबंधन का विकल्प खोला है। कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन किया तो हरियाणा में आईएनएलडी के साथ।

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